scorecardresearch
 

आपका नाम नीरज या वंदना है तो इस तीर्थस्थल पर फ्री में कर सकेंगे रोपवे का सफर

टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचकर लौटे भारतीय खिलाड़ियों को देश में अलग-अलग तरीके से सम्मानित किया जा रहा है. इस कड़ी में हरिद्वार में चंडी देवी मंदिर के लिए फ्री में रोपवे की सैर कराई जा रही है.

Advertisement
X
चंडी देवी मंदिर के लिए सुविधा दी जा रही है (सांकेतिक फोटो)
चंडी देवी मंदिर के लिए सुविधा दी जा रही है (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वंदना कटारिया और नीरज चोपड़ा के सम्मान में फैसला
  • 11 से 20 अगस्त तक निशुल्क यात्रा की सुविधा है

अगर आपका नाम नीरज या वंदना है तो आप हरिद्वार में चंडी देवी मंदिर जाने के लिए रोपवे का फ्री सफर कर सकते हैं. चंडी देवी मंदिर के लिए रोपवे का संचालन करने वाली ऊषा ब्रेको कंपनी ने टोक्यो ओलिंपिक के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा और महिला हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली हरिद्वार की वंदना कटारिया के सम्मान में ये फैसला लिया है. 

Advertisement

दरअसल, टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचकर लौटे भारतीय खिलाड़ियों को देश में अलग-अलग तरीके से सम्मानित किया जा रहा है. इस कड़ी में हरिद्वार में चंडी देवी मंदिर के लिए फ्री में रोपवे की सैर कराई जा रही है. नीरज और वंदना नाम वाले सभी यात्रियों को 11 से 20 अगस्त तक निशुल्क यात्रा का तोहफा दिया गया है.

कंपनी के रिजनल हेड मनोज डोभाल ने बताया कि नीरज और वंदना नाम के जो भी तीर्थयात्री पर्यटक इस दौरान चंडी देवी मंदिर जाने के लिए रोपवे का यूज करेंगे, उन्हें उनका आधार कार्ड दिखाने पर निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी. 

बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचकर भारतीय खिलाड़ी वतन लौट आए हैं. सोमवार को पदक विजेता खिलाड़ियों का भव्य स्वागत हुआ. दिल्ली के अशोका होटल में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें सम्मानित किया. टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 7 मेडल जीते हैं, जिसमें 41 साल बाद हॉकी (पुरुष) से मेडल आया है.

Advertisement

वंदना ने किया प्रभावित 

इस बार हॉकी महिला टीम ने दमदार प्रदर्शन किया था. भले टीम मेडल नहीं जीत पाई, लेकिन हर खिलाड़ी ने अपने प्रदर्शन से देशवासियों को दिल जीत लिया. टीम की हिस्सा रहीं वंदना कटारिया ने हैट्रिक लगाकर अपने खेल से सबसे ज्यादा प्रभावित किया है.

नीरज ने मंच से मेडल दिखाया

वहीं, सम्मान समारोह में गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने मंच पर आकर सबसे पहले अपना मेडल दिखाया था. उन्होंने कहा कि जिस दिन से मेडल मिला है, उस दिन से अपना मेडल जेब में रखकर घूम रहा हूं. आज भी उसे दिखाना चाहता हूं. ये मेरा मेडल नहीं, पूरे देश का मेडल है. 

Advertisement
Advertisement