उत्तराखंड को देवभूमि भी कहते हैं, लेकिन देवताओं की धरती पर इन दिनों कुदरत का कहर बरप रहा है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में भारी बारिश और भूस्खलन से जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है. चार धाम यात्रा बंद हो चुकी है और 20 हजार से ज्यादा यात्री हाईवे पर फंसे हुए हैं. हरिद्वार और देहरादून भी पानी से लबालब हो रहा है.
धनौल्टी में फटा बादल
वहीं, उत्तराखंड के केदारनाथ से बड़े हादसे की खबर आई है. धनौल्टी के सियाल्सी गांव में बादल फटने से 400 लोगों के फंसे हुए हैं. उधर, वासुका ताल, जहां से केदारनाथ की यात्रा शुरू होती है, कुंड में अचानक पानी भरने से 60 से ज्यादा श्रद्धालु बह गए हैं.
केदारनाथ के पास पांच और शव बरामद होने के साथ ही उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गयी है, वहीं भूस्खलन के कारण सोमवार दूसरे दिन भी चारधाम यात्रा स्थगित रही.चमोली जिले में अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इलाके के विभिन्न गांवों से करीब 50 लोगों के लापता होने की खबर है और बचाव अभियान जारी है. राजेश कुमार, डीएम उत्तरकाशी ने कहा कि बारिश में फंसे यात्रियों को राहत कैंप में पहुंचाया गया है.
बहे घर और मंदिर
भागीरथी की उफनती लहरों घरों और मंदिरों को अपनी चपेट में ले लिया है. अब तक 6 मकानों के ढहने की खबर है, एक मंदिर भी पानी में बह गया है. बड़ी-बड़ी गाड़ियां और बुलडोजर भी लहरों में समा गए हैं. बारिश और बाढ़ की वजह से चार धाम की यात्रा भी रोक दी गई है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में हजारों श्रद्धालु इस प्रलय में फंसे हुए हैं. ऋषिकेश के आगे जाने की फिलहाल इजाजत नहीं हैं.
कंट्रोल रूम का गठन
उत्तराखंड में कुदरत के कहर के बाद प्रशासन ने एक कंट्रोल रूम का गठन किया है. जहां से ताजा हालात और मृतकों व घायलों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है.
कंट्रोल रूम के नंबर इस प्रकार हैं:
0135-2710334
0135-2710335
0135-2710233
टिहरी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और टिहरी में भी बुरा हाल है. कई शहरों से संपर्क कटा गया है. अलग-अलग इलाकों में हजारों लोग फंसे हुए हैं, इलाकों में राहत और बचाव का काम जारी है.
हरिद्वार
वहीं, हरिद्वार में भी गंगा उफान पर है. शहर बारिश के पानी से लबालब हो रहा है. गंगा खतरे के निशान 294 मीटर से बस कुछ ही इंच नीचे बह रही है, लेकिन जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है.
देहरादून
राजधानी देहरादून भी घुटने तक पानी में डूब चुका है. देहरादून में बरसात ने पिछले 88 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. देहरादून के डीएम बीबीबी पुरुषोत्तम ने आज तक से बातचीत में बताया अब तक 6 लोगों की मरने की खबर है. देहरादून के प्रेमनगर थाने के प्रभारी विकास रावत ने बताया कि न्यू मीठी बेरी इलाके में एक मकान गिर जाने से एक ही परिवार के 3 व्यक्तियों की मौत हो गई.
रुद्रप्रयाग
आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा केंथुरा ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन में 5 व्यक्तियों की मौत हो गई. मीरा ने बताया कि मंदाकिनी और अलकनंदा तथा गंगा की सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रुद्रप्रयाग व गौरीकुंड को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया और उसे बंद कर दिया गया है.
यात्रा रोकी गई
अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गयी है. गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले हजारों श्रद्धालु फंस गए हैं, क्योंकि पीपलमंडी, बराकी एवं नालुपानी में भूस्खलन से मार्ग बंद कर दिए गए हैं. उत्तरकाशी जिले के होटलों और धर्मशालाओं में भी लोगों की भारी भीड़ है. चार धाम के यात्री वहां ठहरे हुए हैं. आपदा प्रबंधन व पुनर्वास मंत्री यशपाल आर्य ने बातया कि प्रशासन आपात स्थिति से निबटने के लिए चौकस है.
हरभजन सिंह भी फंसे
वहीं, क्रिकेटर हरभजन सिंह भी जोशीमठ में ही फंसे हुए हैं. अपने परिवार के साथ उत्तराखंड के हेमकुंड साहब गए हरभजन सिंह को भी भारी बारिश के प्रकोप का सामना करना पड़ा. हरभजन सिंह ने फिलहाल जोशीमठ के ITBP कैंप में शरण ले रखी है. भज्जी ने ट्विट कर कहा, 'मैं सुरक्षित हूं. सरकार और सेना लोगों की मदद कर रही है.