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Indian Railway SOP For Kumbh Mela: ट्रेन से जा रहे उत्तराखंड तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, रेलवे ने किया आगाह

कोविड-19 महामारी के बढ़ रहे प्रकोप के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. 01 अप्रैल 2021 को शुरू हुआ यह मेला 30 अप्रैल तक चलेगा और इस दौरान महाकुंभ मेले में 3 शाही स्नान होंगे जिसमें सभी 13 अखाड़े, नागा साधु और महामंडलेश्वर मुख्य घाट हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में मोक्ष और कल्याण की डुबकी लगाएंगे.

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Indian railway SOP for kumbh mela
Indian railway SOP for kumbh mela

कोविड-19 महामारी के बढ़ रहे प्रकोप के बीच हरिद्वार में कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. 01 अप्रैल 2021 को शुरू हुआ यह मेला 30 अप्रैल तक चलेगा और इस दौरान महाकुंभ मेले में 3 शाही स्नान होंगे जिसमें सभी 13 अखाड़े, नागा साधु और महामंडलेश्वर मुख्य घाट हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में मोक्ष और कल्याण की डुबकी लगाएंगे. हरिद्वार में कुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा भी निर्देश जारी किए गए हैं और कहा गया है कि उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रियों द्वारा 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक इन निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.

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लोगों की सुरक्षा के लिए मेले को 23 सेक्टर एरिया में बांटा गया है. मेला अधिकारी रावत के मुताबिक प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्वास्थ अधिकारी व पुलिस बल की तैनाती की गई हैं. उन्होंने बताया कि 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल को बैसाखी स्नान और 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर होने वाले शाही स्नान दिवसों पर सभी 13 अखाड़े लाखों श्रद्धालुओं के साथ स्नान करेंगे. मेले में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं और पूरे कुंभ क्षेत्र में 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं. 

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कुंभ मेले में आने वालों के लिए निर्देश और नियम

  • महाकुंभ हरिद्वार में आने वाले प्रत्येक यात्री को महाकुंभ मेला-2021 के वेब पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा. केवल पंजीकृत लोगों को ही मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मिलेगी.
  • बता दें कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है.
  • अपने राज्य के नजदीकी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज से जारी किए गया वैक्सीन लगा चुके/मेडिकल प्रमाणपत्र का होना जरूरी है.
  • यहां आने वाले लोगों के मोबाइल फोन पर या हार्ड कॉपी के रूप में नेगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट (मेले में आने की तिथि से 72 घंटे पूर्व तक की) का होना भी जरूरी है.
  • निर्देशों के मुताबिक अतिसंवेदनशील जनसंख्या (65 वर्ष से अधिक आयु, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे, या वे जिन्हें कोई दूसरी बीमारी है) को कुंभ में न आने की सलाह दी जाती है.
  • महाकुंभ मेले में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, भजन गायन, कथा और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा गया है.

कोरोना काल में हो रहे महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनमें पंजीकरण के साथ ही उन्हें 72 घंटे पूर्व की कोविड-19 संबंधी जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं की गई हो. कोविड-19 महामारी के कारण महाकुंभ मेला की अवधि को पहले ही सीमित कर दिया गया है. हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर 12 साल में होने वाले इस वृहद धार्मिक आयोजन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब महामारी के कारण इसकी अवधि घटाकर इसे केवल एक माह का किया गया.

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सामान्य परिस्थितियों में महाकुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है जो 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पर्व से शुरू होकर अप्रैल के आखिर तक चलता रहता है.

रुड़की के नारसन और उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में लगने वाली सीमाओं पर जांच बढ़ा दी गई है. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा था कि महाकुंभ मेले में आने के लिए कोराना टीके की पहली खुराक ले चुके श्रद्धालुओं के लिए भी जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा. (कुंभ मेले के लिए जारी SOP देखने के लिए यहां क्लिक करें)

कोर्ट के आदेश में कहा गया कि कोविड-19 टीकाकरण पूरा करवा चुके श्रद्धालुओं को भी अपने प्रमाणपत्र दिखाने होंगे तथा कुंभ क्षेत्र में मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने तथा हाथों को बार-बार धोने जैसे सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा. साथ ही हरिद्वार में स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड-19 जांच की संख्या वर्तमान पांच हजार प्रतिदिन से बढ़ाकर 50,000 प्रतिदिन करने को भी कहा है.

 

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