16 जून को आये जलसैलाब ने केदारनाथ धाम को जैसे थमने पर मजबूर कर दिया था. हजारों लोग लापता और न जाने कितनों की मौत हुई. मगर भगवान के धाम में एक बार फिर से रौनक लौटने वाली है.
पूरा केदारनाथ धाम 17 जून तक रेत का अम्बार बन चुका था. चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची थी. न जाने कितने अपनों से हमेशा-हमेशा के लिए अलग हो चुके थे. लेकिन आखिरकार भगवान के मंदिर को साफ करने का काम शुरू कर दिया गया. गर्भगृह में शिवलिंग जो कि पूरी तरह पानी में आये सैलाब और रेत के नीचे दब चुका था, उसको साफ करके सावन के पहले सोमवार में जलाभिषेक कर दिया गया. बस अब देर है तो सभी राजपुरोहितों और मंदिर के रावलों की जोकि शुभ समय निकालकर शिवलिंग की पूजा शुरू कर सकें.
सोमवार को हराक सिंह रावत और उनके साथ गयी पूरी टीम ने श्रमदान करके गर्भगृह में आई सारी मिटटी को निकाल कर शिवलिंग को स्नान करवाया, जिसके बाद अपवित्र हो चुके मंदिर में एक बार फिर से पूजा शुरू होने की उम्मीद पैदा हो गयी है. बस कमी है तो सिर्फ दीप प्रज्वलित करने की.