उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात दिन पर दिन और भी बिगड़ते जा रहे हैं. जमीन धंसती जा रही है, दरार वाले घरों की संख्या बढ़ती जा रही है. जोशीमठ के अस्तित्व पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं तो अब उत्तराखंड सरकार भी एक्शन में आ गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद जोशीमठ पहुंचे और जमीनी हकीकत जानी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में लोगों के राहत और बचाव कार्य के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बात की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक राहत और बचाव कार्य के लिए चमोली जिले के जिलाधिकारी को 11 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ इलाके के सर्वे कराने के भी निर्देश दिए हैं. सीएमओ ने ये भी कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार के सभी विभाग मिलकर प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद के लिए साथ काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जोशीमठ दौरे के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है.
जोशीमठ से 11 और परिवारों को रेस्क्यू किया गया है. चमोली जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने कहा है कि अब तक 65 ऐसे परिवारों को रेस्क्यू किया गया है, जिनके घरों में दरार आई है. इन सभी को अस्थायी राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. उन्होंने बताया है कि हम प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रहे हैं.
सीएम धामी ने दिए थे ये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 7 जनवरी को जोशीमठ का दौरा किया और जमीनी हकीकत जानने के साथ ही अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए थे. सीएम धामी उन 600 से अधिक परिवारों को तुरंत रेस्क्यू करने के निर्देश दिए थे, जिनके घरों में दरार आ गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन घरों का भी दौरा किया था जिनकी दीवारों और छतों में बड़ी दरार आ गई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी माउंट व्यू होटल भी पहुंचे और हालात का जायजा लिया. माउंट व्यू और मल्लारी होटल जमीन धंसने के कारण आपस में टकरा गए हैं. इन दोनों होटल के पीछे स्थित कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सीएम धामी ने जोशीमठ का हवाई सर्वेक्षण भी किया और इसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल बताया.
विकास बना जोशीमठ के लिए ग्रहण?
जोशीमठ में बने ताजा हालात के लिए विशेषज्ञ विकास को जिम्मेदार बता रहे हैं. हिमालयन भूविज्ञान पर तीन दशक से अधिक समय से शोध कर रहे एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यशपाल सुंदरियाल ने इसे नाजुक दौर बताया है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ जितनी तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, वही समस्याओं की जड़ है. ये भूस्खलन के मलबे पर बसा शहर है जहां की सतह में चट्टान कम, मिट्टी अधिक है.
मलबे में तब्दील हो रहे घर, सड़कों पर आई दरार
जोशीमठ में हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सड़कों में चौड़ी दरारें आ गई हैं तो वहीं घर भी मलबे में तब्दील होने लगे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे और रेस्क्यू के निर्देश के बाद प्रशासन एक्टिव मोड में आया है और रेस्क्यू की रफ्तार बढ़ी है. जिला प्रशासन ने एनटीपीसी और एचसीसी जैसी कंपनियों से एहतियातन 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड मकान तैयार कराने के आदेश दिए हैं.