उत्तराखंड के जोशीमठ में मौसम बेहतर हुआ है तो वहीं दरार वाले घरों की संख्या बढ़ी है. भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ को लेकर चमोली से देहरादून तक शासन-प्रशासन एक्शन में है. लाल निशान वाली इमारतों को गिराने का काम भी फिर से शुरू हो गया है. आपदा राहत विभाग ने अब जोशीमठ के ताजा हालात और राहत अभियान को लेकर जानकारी दी है.
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉक्टर रंजीत कुमार सिन्हा के मुताबिक जोशीमठ में जमीन से निकल रहे पानी की मात्रा में की आई है. जोशीमठ में जमीन से निकल रहे पानी की मात्रा अब 136 एलपीएम रह गई है जो पहले 540 एलपीएम थी. जोशीमठ में जेपी कॉलोनी के पास एक जगह से दो जनवरी से ही पानी निकल रहा था. जिससे हालात और खराब हो गए थे.
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव के मुताबिक जोशीमठ की आपदा से प्रभावित 242 परिवारों तक शासन-प्रशासन की ओर से 3.62 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत पहुंचाई जा चुकी है. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से जोशीमठ में राहत, बचाव और स्थायी या अस्थायी निवास को लेकर किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.
डॉक्टर रंजीत कुमार सिन्हा के मुताबिक जोशीमठ के पीड़ितों के लिए अस्थायी राहत शिविर चिह्नित किए गए हैं जिनमें कुल 2919 लोगों के ठहरने की क्षमता के साथ 650 कमरे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि पीपलकोटी में 2205 लोगों के ठहरने की क्षमता के साथ 491 कमरे हैं. आपदा राहत सचिव के मुताबिक अब तक 863 मकान चिह्नित किए गए हैं जिनमें दरारें आ चुकी हैं.
उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि जोशीमठ के एक पूरे इलाके को ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया है. असुरक्षित घोषित किया गया ये इलाका गांधीनगर का एक वार्ड है. आपदा राहत सचिव के मुताबिक अब तक गांधीनगर के एक, सिंगधार के दो, मनोहरबाग के पांच और सुनील के सात इलाकों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया जा चुका है.
सुरक्षित स्थान पर भेजे गए 921 लोग
आपदा राहत सचिव के मुताबिक जोशीमठ के असुरक्षित इलाके में 181 भवन चिह्नित किए गए हैं. सुरक्षा के लिहाज से 274 परिवारों को अस्थायी तौर पर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है. आपदा राहत विभाग के मुताबिक जोशीमठ से रेस्क्यू किए गए परिवारों के कुल सदस्यों की संख्या 921 है. गौरतलब है कि जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों में दरार आने पर सूबे की सरकार भी एक्टिव मोड में आ गई थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ का दौरा किया था. सीएम धामी ने जोशीमठ के हालात की जानकारी ली थी और पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की थी. सीएम धामी ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया था और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए थे.