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जोशीमठ में दरार से कितने लोग हो सकते हैं प्रभावित, इलाके से ग्राउंड रिपोर्ट  

जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र में मंगलवार दोपहर के बाद जमीन के नीचे से पानी निकलने की घटना से लोग दहशत में हैं. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से जेपी कंपनी के 35 भवन खाली करा लिए गए हैं. यहां अब पहले की तुलना में पानी बहुत ज्यादा निकलने लगा है.

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जोशीमठ में जमीन से निकल रहा पानी
जोशीमठ में जमीन से निकल रहा पानी

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. बीते साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं. अब यहां धरती फाड़कर जगह-जगह से पानी निकलने लगा है. ऐसी घटनाएं मारवाड़ी क्षेत्र में देखने को मिली हैं. यहां जमीन धंसने से जेपी कंपनी के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे ये पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है. ऐसी घटना से पूरे जोशीमठ में हड़कंप मच गया है. वहीं इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो एक टीम के साथ खुद जाकर जायजा लेंगे. 

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जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र में मंगलवार दोपहर के बाद जमीन के नीचे से पानी निकलने की घटना से लोग दहशत में हैं. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से जेपी कंपनी के 35 भवन खाली करा लिए गए हैं. मंगलवार की तुलना में बुधवार को यहां जलस्तर दोगुना हो गया है. पानी ऐसे निकल रहा है मानो यहां भारी बारिश हुई हो. मंगलवार को मारवाड़ी इलाके में चार जगह पानी निकल रहा था, आज छह से सात जगहों पर जमीन के अंदर से पानी निकलता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसके बाद से यहां पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है.

इसके साथ ही मकानों में दरारों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि 2-3 फीट तक मकान के अंदर जमीन बैठ गई है. इन घटनाओं से जोशीमठ के लोग सदमे में हैं. बताया जा रहा है कि इससे सैकड़ों लोग प्रभावित होंगे. जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र में ऊपर जेपी कंपनी कॉलोनी है तो नीचे बदरीनाथ नेशनल हाईवे-58 है. यहां आज इतनी तेजी से जमीन के अंदर से पानी निकल रहा है मानो तेज बारिश हुई हो. जमीन से निकलने वाला पानी नॉर्मल नहीं है, बल्कि इसमें से मिट्टी वाला पानी निकल रहा है. वहीं इस घटना से यहां रहने वाले लोग रातभर डर के साए में रहे.  

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जिला प्रशासन की टीम ने किया मुआयना 

बद्रीनाथ पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि जोशीमठ के अन्य क्षेत्रों में भी दरार का दायरा बढ़ गया है, ऐसे में लोग बहुत डरे हुए हैं. हर कोई इसे बड़ा खतरा मान रहा है और जोशीमठ को बचाने के लिए सरकार से गुजारिश कर रहा है. जोशीमठ के तहसीलदार रवि शाह कहना है कि घटना की जानकारी होने के बाद टीम मारवाड़ी में जेपी कंपनी की कॉलोनी में गई थी. वहां जगह-जगह जमीन से पानी निकल रहा है. जो पानी वहां निकल रहा है वह किसी के सीवर लाइन के पानी लीकेज नहीं है. यह जमीन के अंदर से निकलने वाला पानी ही है.  

जोशीमठ में आ सकती है आपदा: सामाजिक कार्यकर्ता 

उत्तराखंड सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने इस मामले में कई बार चिंता जता चुके हैं. वह कह चुके हैं कि जोशीमठ में जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उस पर जल्दी ही अगर संज्ञान नहीं लिया गया, तो एक बड़ी आपदा हो सकती है. जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों बहुत तेजी से नुकसान में इजाफा हुआ है. इस पर त्वरित करवाई करने की जरूरत है. वहा के स्थानीय लोग भी लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं. यह इलाका समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है. यानी प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है. यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है. 

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