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अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को बचाने का शक, जोशीमठ तक फैला आक्रोश, बद्रीनाथ के तीर्थयात्री फंसे

अंकिता हत्याकांड मामले में कहीं न कहीं शक हो रहा है कि मुजरिमों को बचाने की कोशिश की जा रही है. जिस कारण लोग विरोध-प्रदर्शन थम नहीं रहा है ताकि सरकार को यह संदेश जाए कि मुजरिमों को किसी भी तरह से बचाने का प्रयास न किया जाए. इसी के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर लगाया जाम लग गया है.

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जोशीमठ में विरोध प्रदर्शन.
जोशीमठ में विरोध प्रदर्शन.

अंकिता हत्याकांड के बाद पहाड़ों में उबाल है. लोगों में भारी आक्रोश है. जगह-जगह व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. महिलाएं और युवा सड़कों पर उतर चुके हैं. हत्यारों को फांसी देने की मांग उठ रही है. चमोली जनपद में भी लगातार लोग विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अंकिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. मंगलवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यापारियों और  महिलाओं ने चक्का जाम कर दिया जिससे धाम आने-जाने वाले तीर्थयात्री रास्ते में ही फंसे हुए हैं.  

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भले ही रविवार को अंकिता के शव का दाह संस्कार हो चुका हो, लेकिन पहाड़ में अभी भी अंकिता की निर्मम हत्या का आक्रोश काम होता दिखाई नहीं दे रहा है. जहां सामेवार को चमोली जनपद के गोपेश्वर में पूरा बाजार बंद रहा.

वहीं, आज जोशीमठ जो कि सीमांत का अंतिम बड़ा बाजार है, यहां भी पूरा बाजार बंद कर व्यापारियों में भारी आक्रोश दिखाया. जहां व्यापारी सड़क पर उतरे तो वहीं महिलाएं भी कहीं पीछे नहीं रहीं. जमकर नारेबाजी के साथ आरोपी को फांसी की सजा की मांग की गई.  

वाहनों की लंबी-लंबी कतारें

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भी बाधित किया गया. एक से डेढ़ घंटे तक बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शनकारी बैठे रहे. धाम जाने और आने वाले तीर्थयात्री मार्ग पर ही फंसे रहे. गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें जोशीमठ बाजार और उसके पीछे देखने को मिलीं. 

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प्रदर्शन की आवाज दबे नहीं 

अपर बाजार जोशीमठ के सभासद अमित सती ने कहा, प्रदर्शनकारी अपने प्रदर्शन की आवाज को दबाना नहीं चाहते हैं, इसलिए उन्होंने यहां बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद किया ताकि उनकी आवाज आगे तक पहुंच सके. इस समय पूरा पहाड़ अंकिता के आक्रोश में जल रहा है ऐसे में हर कोई चाहता है कि अंकिता के मुजरिमों को जल्द से जल्द सजा का ऐलान हो, वरना बड़े आंदोलन की तैयारी पहाड़ के लोग करेंगे.
विरोध प्रदर्शन न रुकने का कारण  

दरअसल, लोगों को शक है कि कहीं न कहीं आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है, जिस कारण लोग विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं ताकि सरकार को यह मालूम हो कि मुजरिमों को किसी भी तरह से बचाने का प्रयास न किया जाए. यही संदेश इन विरोध प्रदर्शनों से देने की कोशिश की जा रही है.

 

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