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जोशीमठ में भारी बर्फबारी से क्या बढ़ेगी मुसीबत? डेंजर जोन में बने होटलों को तोड़ने का काम रोका गया 

जोशीमठ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. यहां की जमीन दरक रही है लेकिन पिछले तीन दिनों से दरारे बढ़ने की घटनाएं नहीं देखी जा रही थीं. इस बीच जोशीमठ में शुक्रवार को भारी बर्फबारी ने फिर से प्रशासन और लोगों की चिंता बढ़ा दी है. होटलों को तोड़ने का काम रोक दिया गया है.

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जोशीमठ में शुक्रवार को हुई मौसम की पहली बर्फबारी (फोटो: ANI)
जोशीमठ में शुक्रवार को हुई मौसम की पहली बर्फबारी (फोटो: ANI)

उत्तराखंड में दरकते जोशीमठ के समाने अब एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल जोशीमठ में शुक्रवार को मौसम की पहली बर्फबारी हुई, जिससे यहां राहत कार्य में लगे अधिकारियों और निवासियों के लिए समस्या और बढ़ गई है. होटलों-घरों को तोड़ने का काम प्रभावित हो गया है.

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जानकारी के मुताबिक भारी बर्फबारी के कारण असुरक्षित घोषित किए गए मलारी इन और माउंट व्यू होटलों को तोड़ने का काम रोक दिया गया है. इसके अलावा बद्रीनाथ हाईवे को खोल दिया गया है क्योंकि बर्फबारी के कारण अन्य सड़कें बंद हो गई हैं. बर्फबारी के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है. इसके अलावा जोशीमठ भी बिजली कटौती का सामना कर रहा है. 

यहां बर्फ ने घरों और सड़कों को पूरी तरह से ढका दिया है. इस बीच रेड में आ चुके घरों से लोगों को निकालने का काम जारी रहा. राज्य के धनोल्टी, केदारनाथ, मसूरी और पिथौरागढ़ जिलों में भी आज हिमपात हुआ और हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में शीतलहर का प्रकोप जारी है.

मौसम विभाग ने 20, 23 और 24 जनवरी को जोशीमठ, चमोली और पिथौरागढ़ में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है. राज्य में जोशीमठ के अलावा धनोल्टी, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब और औली में भी बर्फ हुई.

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देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा था कि 19 और 20 जनवरी को बारिश का अनुमान है, जबकि 23 और 24 जनवरी को बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है.

तीन दिन तक इमारतों में नहीं बढ़ी दरारें

पिछले तीन दिन से जोशीमठ की इमारतों की दरारें नहीं बढ़ी हैं. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने 19 जनवरी को बताया कि सरकार ने यहां जगह-जगह क्रैक मीटर लगाए हैं, जिसे देखने के बाद सामने आया है कि इमारतों में दरारों की चौड़ाई में कोई वृद्धि नहीं हुई है. 

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद से ही उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है और पल-पल की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस बीच बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में जहां घरों और इमारतों में दरारें आई हैं, वहां रहने वाले लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. चार धाम यात्रा भी चार महीने में शुरू हो जाएगी.

70 फीसदी लोग जी रहे सामान्य जीवन

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया है कि जोशीमठ में 65-70 फीसदी लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. औली में सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है. पर्यटक अभी भी औली पहुंच रहे हैं. 

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उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा जोशीमठ से होकर गुजरती है. वह अगले चार महीनों में शुरू होगी. जोशीमठ की स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है और देश के अन्य हिस्सों में बैठे लोगों को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. 

अब तक 849 इमारतों में आ चुकी है दरारें

केंद्रीय टीम रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 849 इमारतों में दरारें आ चुकी हैं. वहीं 250 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. जोशीमठ में 2,190 लोगों की क्षमता वाले कुल 615 कमरे और पीपलकोटी में 2,205 लोगों की क्षमता वाले 491 कमरों को अस्थायी राहत शिविर बनाया गया है.

प्रशासन ने बताया कि उत्तराखंड सरकार 207 प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप में 3.10 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है. इसके अलावा एक, दो और तीन बेडरूम वाले मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित की जा चुकी है.

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