भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का अपने पैतृक गांव तक सड़क बनवाने का सपना अब पूरा होने लगा है. दिवंगत बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत ने उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल के बिमरोलीखाल से पैतृक गांव सैण को जोड़ने वाली सड़क निर्माण परियोजना का उद्घाटन कर दिया है. राज्य सरकार की ओर से 22 लाख रुपये की स्वीकृति के बाद सड़क निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिमरोलीखाल को दिवंगत सीडीएस जनरल रावत के पैतृक सैण गांव से जोड़ने वाली 1.13 किलोमीटर लंबी सड़क का काम शुरू कर दिया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए बिमरोलीखाल के निवासी मान सिंह बिमरोली ने कहा, "जब जनरल रावत ने अपने गांव सैण का दौरा किया था, तभी से स्थानीय लोगों को एक नई सड़क की उम्मीद थी, जो दादामंडी से बन रही थी लेकिन सर्वेक्षण के मुद्दों के कारण रुक गई थी.
दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चाचा ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि वह इस निर्माण को लेकर खुश हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस सड़क से पौड़ी गढ़वाल जिले के डबरालस्युन पट्टी क्षेत्र में रहने वाले कई ग्रामीणों को मदद मिलेगी और उनके भतीजे बिपिन रावत का सपना हकीकत बन गया है.
1 किमी पैदल चलकर पहुंचे थे अपने गांव
29 अप्रैल, 2018 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने पत्नी मधुलिका रावत के साथ अपने पैतृक गांव सैण तक पहुंचे थे. गांव पहुंचने के लिए उन्हें करीब 1 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ी थी. वहीं उन्होंने अपने चाचा भरत सिंह रावत को बताया था कि गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए उन्होंने उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखा है.
CDS जनरल बिपिन रावत के निधन के लगभग 6 महीने बाद अब उनके गांव तक सड़क पहुंचने का सपना पूरा हो रहा है. बिपिन रावत के निधन के बाद परिवारजनों और रहवासियों की उनके गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग जोर पकड़ गई, जिसके बाद सरकार ने उनके गांव के लिए सड़क निर्माण को हरी झंडी दे दी.
गांव में अस्पताल बनवाने का भी देखा था सपना
CDS बिपिन रावत जब 2018 में गांव आए थे, तब उन्होंने कहा था कि CDS पद से रिटायरमेंट के बाद गांव में सड़क बनवाने की कोशिश करेंगे, लोगों को गांव में बसाया जाएगा. गांव और आसपास के लोगों के लिए इलाज की बेहतर व्यवस्था करवाई जाएगी, अस्पताल बनवाने तक की बात जनरल रावत ने की थी.
पौड़ी के युवाओं को सेना में भेजना चाहते थे रावत
बिपिन रावत जब अपने लोगों के बीच में थे तो उनका सीडीएस पद से रिटायर होने के बाद प्लान तैयार था, उन्होंने तय कर लिया था कि पौड़ी जिले के युवाओं को अधिक से अधिक सेना में भर्ती कराने के लिए सुविधाएं और जानकारी मुहैया करवाएंगे.