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उत्तराखंड में कांपी धरती, पिथौरागढ़ में महसूस किए गए 4 तीव्रता के भूकंप के झटके

उत्तराखंड में अभी ग्लेशियर टूटने से तबाही का मंजर लोग भूल भी न पाए थे कि शुक्रवार को भूकंप ने दस्तक दे दी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शाम 4 बजकर 38 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शाम 4.38 मिनट पर महसूस किए गए भूकंप के झटके
  • किसी प्रकार के नुकसान की नहीं है सूचना

उत्तराखंड में अभी ग्लेशियर टूटने से तबाही का मंजर लोग भूल भी न पाए थे कि शुक्रवार को भूकंप ने दस्तक दे दी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शाम 4 बजकर 38 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 रही. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. 

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नुकसान की नहीं कोई सूचना 
उत्तराखंड के चमोली में हाल ही में ग्लेशियर टूट जाने के कारण काफी तबाही हुई. देशभर को इस घटना ने झकझोर कर रख दिया और इसके बाद यहां एक और आफत भूकंप के रूप में सामने आ गई. हालांकि अभी त​क किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं मिल सकी है.  पिथौरागढ़ में शाम 4 बजकर 38 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 रही.  

वहीं बीते शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं. ये झटके रात 9.23 मिनट पर महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए थे. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई है. भूकंप का केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था. भूकंप का केंद्र नालंदा से 20 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम की ओर था. बता दें कि 12 फरवरी को भी रात साढ़े दस बजे उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे.

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जानिए क्यों आता है भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.

 

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