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मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स... बाबा नीम करौली की क्यों मुरीद रहीं ये हस्तियां? जानें दिलचस्प किस्सा

Uttarakhand News: 15 जून को बाबा नीम करौली के उत्तराखंड स्थित कैंची धाम का स्थापना दिवस मनाया जाएगा. इसकी तैयारियां मंदिर प्रशासन ने शुरू कर दी हैं. स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में भक्त देश-विदेश से मंदिर पहुंचने लगे हैं.

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उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम. (Photo: Aajtak)
उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम. (Photo: Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 15 जून को कैंची धाम का स्थापना दिवस
  • लाखों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे उत्तराखंड

Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम में दो साल बाद भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा है. बाबा नीम करौली के कैंची धाम के स्थापना दिवस को लेकर मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. नैनीताल के कैच (भवाली) में बने बाबा नीम करौली के धाम में हर साल लाखों भक्त आते हैं और दर्शन करते हैं. फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg), एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) भी बाबा के मुरीद रहे हैं. मंदिर में बाबा नीम करौली महाराज की तपोस्थली है. 15 जून को बाबा नीम करौली के दरबार में मेला लगेगा.

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हर साल 15 जून को कैंची मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें करीब 1 से 2 लाख श्रद्धालु आते हैं. सबसे ज्यादा विदेशी भक्त बाबा के दर्शन के लिए कनाडा, यूएस, जर्मनी, फ्रांस समेत अनेक देशों से आते हैं. भक्तों का कहना है कि बाबा के चमत्कार यहां कई बार देखने को मिले हैं.

बाबा नीम करौरी.

मान्यता है कि एक बार मंदिर में काम करते समय एक व्यक्ति का हाथ गर्म तेल की कढ़ाई में चला गया, जिससे व्यक्ति का हाथ पूरी तरह जल गया. किसी ने घटना की बात बाबा को बताई, बाबा ने उस व्यक्ति को अपने पास बुलाया और उस व्यक्ति के हाथ पर कंबल फेरा, कंबल फेरते ही व्यक्ति का हाथ पहले की तरह हो गया. ऐसी कई चमत्कार की कहानियां भक्तों के बीच प्रचलित हैं. भक्तों का कहना है कि बाबा नीम करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है.

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बाबा नीम करोली महाराज के कैंची धाम का स्थापना दिवस 15 जून

15 जून को बाबा के मंदिर का निर्माण कराया गया था, जिसके बाद से हर साल यहां पर बाबा के भक्तों की मेला लगता है. एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स भी बाबा के दर्शन के लिए यहां आ चुके हैं. जो एप्पल के प्रोडक्ट का लोगो (LOGO) है, वह भी बाबा के द्वारा ही दिया गया है.

बताते हैं कि बाबा ने स्टीव जॉब्स को अपने मुंह से कटा हुआ सेब दिया था, जिसको प्रेरणा मानते हुए स्टीव जॉब्स ने अपना लोगो बनाया और स्टीव जॉब्स को उसके बाद सफलता मिली.

बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी शामिल है. बताया जाता है कि ओबामा के चुनाव लड़ने से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया था.

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