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केदारपुरी के जीर्णोद्धार का ये है मोदी का मास्टरप्लान, 10 प्वाइंट्स में समझें

मोदी ने केदारपुरी को 2013 में आई तबाही से उबारने के लिए 5 परियोजनाओं की शिलान्यास किया. मोदी ने यहां केदारनाथ के पुर्नर्निर्माण का पूरा प्लान समझाया. पढ़ें पीएम के भाषण की दस बड़ी बातें... 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. पीएम ने यहां पर करीब 20 मिनट तक पूजा की और रुद्राभिषेक किया.

मोदी ने केदारपुरी को 2013 में आई तबाही से उबारने के लिए 5 परियोजनाओं की शिलान्यास किया. मोदी ने यहां केदारनाथ के पुर्नर्निर्माण का पूरा प्लान समझाया. पढ़ें पीएम के भाषण की दस बड़ी बातें...  

- पीएम ने बताया कि आज हमने जिन 5 परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. उनके तहत घाटों को सुधारा जाएगा, सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा.

- भव्य और दिव्य वातावरण का निर्माण होगा, पुजारियों के लिए थ्री इन वन घर बनेगा.

- पीएम ने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के पैदल ट्रैक को चौड़ा करने का काम भी सरकार करेगी.

- इन योजनाओं के तहत मंदाकिनी और सरस्वती नदी के तट पर घाट बनाए जाएंगे.

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- मोदी ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि का भी पुनर्निर्माण भी होगा. उन्होंने कहा कि मैं सभी सरकारों, उद्योग जगत के लोगों से अपील करता हूं कि वो इस काम में साथ आएं.

- PM बोले कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण की योजनाओं के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है.

- मोदी ने बताया कि हम एक आधुनिक उत्तराखंड बनाना चाहते हैं लेकिन इस दौरान हम पर्यावरण के सभी नियमों का पालन भी करेंगे.

- मोदी ने कहा कि मेरे यहां आने का मकसद था कि लोग पुराने हादसे को भूलकर यहां पर आने की शुरुआत करें. उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं में पर्यावरण के सभी नियमों का ध्यान रखा जाएगा.

- मोदी ने कहा कि 2013 में जब यहां पर आपदा आई थी तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और यहां के पुनर्निर्माण करने की अपील की थी. तब यहां के मुख्यमंत्री ने बैठक में हां कर दी थी, लेकिन थोड़ी देर में दिल्ली की राजनीति में तूफान आ गया था. और दिल्ली के दबाव के कारण उत्तराखंड सरकार ने गुजरात की मदद लेने से मना कर दिया.  

- मोदी ने कहा कि एक समय था कि मैं यहां पर ही रहता था, लेकिन शायद प्रभु की इच्छा नहीं थी कि मैं हमेशा यहां पर ही रहूं. आज एक बार फिर बाबा ने मुझे अपनी शरण में बुलाया है.

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