नासा ने उत्तराखंड के कसार पर्वत पर शोध किया और पता लगाया की यहां कसार देवी मंदिर के आसपास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है. पिछले दो साल से नासा के वैज्ञानिक इस बैल्ट के बनने के कारणों को जानने में जुटे हैं.
पूरी दुनिया में तीन पर्यटक स्थल ऐसे हैं जहां कुदरत की खूबसूरती के दर्शन तो होते ही हैं, जिनमें अल्मोड़ा स्थित कसारदेवी मंदिर और दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू व इंग्लैंड के स्टोन हेंग में अद्भुत समानताएं हैं. ये अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता हैं जहां मानसिक शांति भी महसूस होती है.
इन तीनों जगहों पर चुंबकीय शक्ति का विशेष पुंज है. अध्यन करने वालो ने अपने शोध में इन तीनों स्थलों को चुंबकीय रूप से चार्ज पाया है. उन्होंने बताया कि कसारदेवी मंदिर के आसपास भी इस तरह की शक्ति निहित है.