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NCRB की रिपोर्ट, लूटी गई संपत्ति की बरामदगी में उत्तराखंड आगे

मध्यम और बड़े राज्यों में झारखंड के बाद उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा है. उत्तरी राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड सर्वाधिक सुरक्षित राज्य रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए अपराध के आंकड़े
  • उत्तराखंड पुलिस का काम अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से प्रकाशित क्राइम इन इंडिया के तहत वर्ष 2018 के अपराध के आंकड़े जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस का काम देश के अन्य राज्यों की पुलिस से काफी अच्छा रहा है. वहीं लूटी गई संपत्ति की बरामदगी के मामले में उत्तरी राज्यों के साथ देश में भी उत्तराखंड आगे रहा है. इस रिपोर्ट से जहां पुलिस विभाग काफी संतुष्ट है तो वहीं पुलिस विभाग इसको राज्य के लिए काफी सुखद मान रहा है.

उत्तरी राज्यों में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर उत्तराखंड 133.3 पहले, उत्तर प्रदेश 153.5 दूसरे, जम्मू कश्मीर 180.4 तीसरे, हिमाचल प्रदेश 200.9 चौथे और हरियाणा 381.0 के साथ अंतिम स्थान पर रहा है. कुल घटित संज्ञेय अपराधों में जनसंख्या के आधार पर प्रति लाख जनसंख्या के सापेक्ष 133.3 घटित अपराध के साथ उत्तराखंड पूरे देश में छठे स्थान पर रहा है.

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वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित

मध्यम और बड़े राज्यों में झारखंड के बाद उत्तराखंड दूसरे स्थान पर रहा है. उत्तरी राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्तराखंड सर्वाधिक सुरक्षित राज्य रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित अपराधों में पिछले वर्षों के मुकाबले कमी आई है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से प्रकाशित क्राइम इन इंडिया के अनुसार संपत्ति चोरी, लूट के मामलों में संपति बरामदगी के आधार पर संपूर्ण देश मे चोरी और लूटी गयी संपत्ति बरामदगी में वर्ष 2018 मे उत्तराखंड का 63.2 फीसदी के साथ तीसरा स्थान रहा है. तेलंगाना 70.6 फीसदी के साथ पहला, तमिलनाडू 67.0 फीसदी के साथ दूसरा रहा. जबकि राष्ट्रीय बरामदगी 35 फीसदी रही है.

लूटी गई संपति की बरामदगी

उत्तराखंड राज्य में साल 2016 में 54.0 फीसदी लगभग 7 करोड़ रुपये, 2017 मे 52.7 फीसदी लगभग 8 करोड़ रुपये और 2018 मे 63.2 फीसदी लगभग 11 करोड़ रुपये चोरी या लूटी गई संपति की बरामदगी हुई. जिसका पिछले वर्षों से प्रतिशत बढ़ा है.

बरामदगी में उत्तरी राज्यों में उत्तराखंड 63.2 फीसदी के साथ पहला, हिमाचल प्रदेश 38.9 फीसदी के साथ दूसरा, जम्मू कश्मीर 33.3 फीसदी के साथ तीसरा, पंजाब 30.4 फीसदी के साथ चौथा, उत्तर प्रदेश 29.0 फीसदी के साथ पाचवां और हरियाणा 28.6 फीसदी के साथ आखिरी स्थान पर रहा है.

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