उज्जैन में महाकाल मंदिर में नए नियम लागू किए गए है. आधुनिकता की तरफ कदम बढ़ाते हुए श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए शुक्रवार से नई व्यवस्था लागू की गई. अब श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) बैंड का उपयोग करना होगा.
इस व्यवस्था का उद्देश्य अनाधिकृत प्रवेश, ठगी, और दलाली को रोकना है. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज सिंह ने नई व्यवस्था का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि आरएफआईडी बैंड से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और श्रद्धालुओं की जानकारी सुरक्षित रूप से दर्ज की जाएगी. अब महाकाल, महालोक, मानसरोवर भवन से जनरल और अवंतिका द्वार पर श्रद्धालुओं के मोबाइल नंबर बताने पर रिस्ट बैंड पर QR कोड प्रिंट कर तत्काल श्रद्धालुओं को दिया जाएगा.
महाकाल मंदिर में RFID बैंड का इस्तेमाल होगा
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भस्म आरती में अपात्र लोगों के प्रवेश की शिकायतें अक्सर मिलती थीं. नई व्यवस्था से बिना टिकट वालों और दलालों की गतिविधियों पर रोक लगेगी. इसके साथ ही, प्रवेश संख्या का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकेगा, जिससे भीड़ को नियंत्रण करना होगा.
आरएफआईडी बैंड से पारदर्शिता आएगी
आरएफआईडी बैंड कागज से बने हैं और एक बार उपयोग के बाद अनुपयोगी हो जाएंगे. भविष्य में मुख्य द्वार पर फ्लैप बैरियर लगाए जाएंगे, जो इन्हीं बैंड के जरिए खुलेंगे. यह तकनीक एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर उपयोग में लाई जाती है और इसे प्रायोगिक रूप से मंदिर में लागू किया गया है. श्रद्धालुओं ने इस नई व्यवस्था की सराहना की है और इसे मंदिर में दर्शन के अनुभव को और बेहतर बनाने वाला कदम बताया है.