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उत्तराखंड: नए सीएम ने 24 घंटे में पलट दिया फैसला, अब कुंभ के लिए भी नहीं होगी कोई रोक-टोक

उत्तराखंड की पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार अपने ही फैसले पलटने के लिए जानी जाती रही है. सुबह फैसले हुए और शाम को फैसला बदल दिया. अब प्रदेश के नए मुखिया भी उसी तर्ज पर चल रहे हैं. नए सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी कुछ ऐसा ही किया है. 

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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाकुंभ के लिए नहीं होगा कोई भी रजिस्ट्रेशन 
  • चार साल पूरे होने पर होने वाले कार्यक्रम भी रद्द
  • पूरे प्रदेश से रातो रात हटा लिए गए होर्डिंग 

उत्तराखंड के नए सीएम ​तीरथ सिंह रावत ने कुंभ को लेकर नई व्यवस्था जारी कर दी है. अब इसके तहत कुंभ के लिए कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा. इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी को भी ताक पर रखते हुए साफ कहा है कि अब कुंभ में आने वालों के लिए कोई रोकटोक नहीं होगी. 

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उत्तराखंड की गद्दी पर बैठे हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अभी तीन दिन का समय ही हुआ है, ऐसे में अभी से वो अपने फैसले पलटने की पंक्ति में खड़े हो गए हैं. सबसे पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय में चार साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश की हर विधानसभा में भव्य कार्यक्रमों की तैयारी थी. 'बात कम ,काम ज्यादा' की तर्ज पर सरकार पूरे प्रदेश में चार साल की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाने की तैयारी में थी, जिसके लिए पहले खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐलान किया था.

आज उसी कार्यक्रम को पूर्ण करने के लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने आदेश भी जारी कर दिए थे, लेकिन शाम होते होते मुख्य सचिव ने एक नया आदेश जारी कर दिया कि जिस कार्यक्रम को करने के आदेश सुबह जारी किए गए थे वो अब नहीं होंगे.

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इतना ही नहीं रातों रात  पूरे प्रदेश के 4 साल के कार्यक्रम के होर्डिंग्स और पोस्टर हटा दिए गए.त्रिवेंद्र के बाद जब तीरथ सिंह रावत ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, तो उन्होंने कहा था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे, लेकिन शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र सरकार के दो बड़े फैसलों को पलट कर ये  साबित कर दिया है कि उत्तराखंड में अभी सबकुछ सामान्य नहीं है. 

ये है पूरा मामला 

सरकार के 4 साल पूरे होने को लेकर आज मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने  आदेश जारी किए कि 18 मार्च को राज्य की सभी 70 विधानसभा क्षेत्र में एक ही समय पर सरकार के 4 साल पूर्ण होने के कार्यक्रम "बात कम, काम ज्यादा" का कार्यक्रम आयोजित होगा. इसके लाइव प्रसारण के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में एलईडी आदि की व्यवस्था सूचना विभाग के माध्यम से की जाएगी. कार्यक्रम के स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए अतिरिक्त धनराशि सूचना विभाग द्वारा आवंटित की जा चुकी थी.

मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलाधिकारियों को इसको लेकर आदेश दिए गए थे. लेकिन शाम होते होते सरकार का एक और फैसला आ गया, जिसमें लिखा था कि सूबे में भाजपा की सरकार को आगामी 18 मार्च को 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. जिसको लेकर होने वाले विधानसभा कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है. 

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वहीं नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ में आने से पहले रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है. ऐसे में कोविड के प्रकोप से बचने के लिए जो SOP जारी की गई थी उसका कोई अब काई मतलब नहीं रहा. अब न तो भीड़ पर कोई नियंत्रण रहेगा और ना ही उम्र की सीमा. भारत सरकार के ही निर्देश पर कुंभ की अवधि भी कम की गई थी और रजिस्ट्रेशन के अलावा उम्र की सीमा  व जांच की प्रक्रिया भी भारत सरकार के द्वारा तय की गई थी.

 

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