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NGT के प्रस्ताव पर उत्तराखंड में 10 साल पुराने कॉमर्शियल वाहन होंगे बंद

देहरादून में पेट्रोल डीजल के वाहनों की संख्या में इजाफा होने के चलते प्रदूषण काफी बढ़ा है. आरटीए की बैठक में परमिट की फ्री पॉलिसी समेत कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जा सकते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • कमर्शियल वाहनों में बस, टैक्सी, ऑटो, विक्रम शामिल
  • सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा बढ़ावा

एनजीटी के प्रस्ताव पर उत्तराखंड में 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है. 4 नवंबर को देहरादून में आरटीए की बैठक होनी है जिसमें कमर्शियल वाहनों को बंद करने का यह फैसला लिया जा सकता है.

क्या है पूरा मामला?

बढ़ते हुए प्रदूषण को को देखते हुए एनजीटी ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को बंद करने के लिए कहा गया है. इसमें बस, टैक्सी, ऑटो, विक्रम शामिल है. इसके लिए परिवहन विभाग फ्री पॉलिसी को भी मंजूरी देने जा रहा है, जिसके तहत सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाथों-हाथ परमिट भी दिए जाएंगे. बताया जा रहा है कि आगामी 4 नवंबर को आरटीए की बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है.

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पेट्रोल डीजल के वाहनों से प्रदूषण

देहरादून में पेट्रोल डीजल के वाहनों की संख्या में इजाफा होने के चलते प्रदूषण काफी बढ़ा है. आरटीए की बैठक में परमिट की फ्री पॉलिसी समेत कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जा सकते हैं.

इस मामले पर एआरटीओ अरविंद पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि एनजीटी के माध्यम से परिवहन विभाग को यह प्रस्ताव भेजा गया है. एनजीटी के प्रस्ताव को आरटीए की बैठक में रखा जाएगा उसके बाद जो भी निर्णय होगा जिसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

आरटीए की बैठक

बता दें कि बढ़ती ग्लोबल वार्मिग और पर्यावरण में हो रहे अप्रत्याशित बदलाव के कारण एनजीटी ने सरकार को सुझाव दिया है. जिस पर आने वाली बैठक पर अमल हो सकता है. कुछ समय पहले उत्तराखंड में देश के कई वैज्ञानिक जुड़े थे जिसमें हिमालयी राज्यों में हो रहे मौसम परिवर्तन पर चर्चा की गई. इस बैठक में  मौसम में हो रहे बदलाव को लेकर भी कई सुझाव सरकार को दिए गए. जिसके तहत पुराने वाहनों को बंद करने पर भी चर्चा हुई.

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