उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में हुए भुस्खलन के कारण 41 जिंदगियां एक हफ्ते से फंसी हुई हैं. उन्हें बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि उत्तराखंड में सड़क निर्माण सुरक्षा को लेकर NGT ने कुछ दिनों पहले ही नोटिस जारी किया था. इस पर अगले साल जनवरी में सुनवाई होनी है.
सड़क निर्माण सुरक्षा में लापरवाही के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए NGT ने संवेदनशीलता और जोखिम मूल्यांकन के संबंध में कदम उठाए जाने को कहा है. NGT ने गंगोत्री सड़क परियोजना के निर्माण में लापरवाही को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, NHIDCL और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था.
इसके अलावा NGT ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तरकाशी के DM को स्पॉट का निरीक्षण कर आठ हफ्ते मे कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
उत्तरकाशी भूस्खलन से पहले नौ नवंबर को ही NGT ने गंगोत्री सड़क परियोजना के लिए शमन सुरक्षा उपाय पर दाखिल याचिका पर यह आदेश जारी किया था. NGT इस याचिका पर अगले साल 23 जनवरी को सुनवाई करेगा.
दरअसल, उत्तराखंड में सड़कों के निर्माण के लिए संवेदनशीलता और जोखिम मूल्यांकन की मांग करते हुए NGT मे अर्जी दाखिल की गई है. जिसमें कहा गया है कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान उत्तराखंड में नदियाँ और हिमालय की सुरक्षा के लिहाज से भूस्खलन संरक्षण गैलरी का निर्माण,ढलान संरक्षण कार्य कराने में संस्थाएं विफल रही है. इसको लेकर एनजीटी ने रिपोर्ट तलब की है.