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जेल में दीक्षा देकर अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पांडे को बनाया संत, बैकफुट पर आए जूना अखाड़ा ने बिठाई जांच

अल्मोड़ा जेल में ही गुरु दक्षिणा देकर प्रकाश पांडे को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में शामिल किया गया. प्रकाश पांडे को दीक्षा दिलाने के लिए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार से साधु-संत आए थे. मामले ने तूल पकड़ा तो अब पीपी पांडे को संत बनाने को लेकर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने जांच बिठा दी है.

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जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे बना संन्यासी
जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे बना संन्यासी

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के द्वारा दीक्षा देकर जूना अखाड़ा का उत्तराधिकारी बनाया गया. प्रकाश पांडे (पीपी) का नया नामकरण कर उसे प्रकाशानंद गिरी नाम दिया गया है. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार ने अल्मोड़ा कारागार में बंद प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को गुरु दीक्षा दी गई और अपने अखाड़े में शामिल किया गया. जैसे ही यह बात सामने आई तो हंगामा मच गया.

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अंडरवर्ल्ड डॉन को दीक्षा देकर मठाधीश बनाये जाने के मामले ने तूल पकड़ा तो जूना अखाड़ा बैकफुट पर आ गया. अब जूना अखाड़े ने पूरे मामले की जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच करने के लिए कहा है और साफ कर दिया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी. इसमें पीपी को मठाधीश बनाने वाले संतों के खिलाफ भी कार्यवाही हो सकती है उनको अखाड़े से निकाला भी जा सकता है.

जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहन्त हरिगिरि ने समिति का गठन किया है जो इस मामले की जांच करेगी. लेकिन इन सबके बीच सवाल बना हुआ है कि सब कुछ जानने के बाद भी आखिरकार पीपी पांडे को जूना अखाड़ा के चार मठों का मठाधीश कैसे बना दिया गया?

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क्या है मामला

अल्मोड़ा जेल में ही गुरु दक्षिणा देकर प्रकाश पांडे को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में शामिल किया गया. प्रकाश पांडे को दीक्षा दिलाने के लिए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार से साधु-संत आए थे. प्रकाश पांडे उर्फ पीपी पांडे को पहाड़ों के विभिन्न स्थानों, जिनमें गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर महादेव मंदिर, मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर और काला मुनि मंदिर का मुख्य महंत बनाया गया है.

पैदाधिकारियों की टीम होगी गठित: जूना अखाड़ा संरक्षक

जूना अखाड़े के संरक्षक श्री महंत हरी गिरी का कहना है कि यह पूरी तरह से गलत है की 'उसे' महामंडलेश्वर बनाया गया है. जूना अखाड़े के अध्यक्ष ने बयान दे दिया है और बयान देने के बाद उन्होंने कहा है की एक समिति का गठन करें. समिति जांच करेगी की क्या हुआ है, कैसे हुआ? किसी भी सनातनी की यदि कोई आखिरी इच्छा है, इसको कोई रोग है तो कुछ भी करने में अपराध नहीं है. पर यदि उससे पैसा लेकर लोभ में, लालच में कुछ भी किया गया है उसके खिला अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी.

श्री महंत हरी गिरी ने कहा, 'हमारे यहां नियम है कि हमारे यहां जो आ गया उसको हम छोड़ नहीं सकते हैं. कोई सनातनी हैं वह कुछ भी अपराध करें वह कानूनी मामला है उस पर अदालत दंड देगी. अदालत से सिफारिश तो कर नहीं रहे हैं. कानून से सिफारिश नहीं कर रहे हैं, उत्तराखंड से सिफारिश तो कर नही सकते हैं, पर ईश्वर से कामना तो कर सकते हैं. अपराधिक इतिहास है इसलिए तो जांच की बात कर रहे हैं, कमेटी का गठन कर रहे हैं. कमेटी सत्य की जांच करेगी फिर आप लोगों से बात करेंगे. उन महात्माओं पर भी कार्रवाई हो सकती है उन्हें अखाड़े से बाहर भी किया जा सकता है.'

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अपराधी साधु नहीं बन सकते: महेशानन्द गिरी

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर महेशानंद गिरी का कहना है कि अपराधी तो साधुओं में नहीं रह सकते हैं. यदि उन पर आरोप सही है और वास्तव में अपराधी है ऐसे लोग संत समाज में रहने लायक नहीं हैं. वहीं नैनीताल के सांसद अजय भट्ट का कहना है कि संतो के मामले मेरा बोलना उचित नहीं है. क्या पता है हृदय परिवर्तन हो गया हो किसी व्यक्ति का? मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, यह तो अखाड़े वाले ही बता पाएंगे. 

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कौन है प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी?

प्रकाश पांडे मूल रूप से नैनीताल जिले के छोटे गांव खनैइया का रहना वाला है. प्रकाश पांडे की मां का इसके बचपन में ही देहांत हो गया था. प्रकाश पांडे के पिता फौजी थे. बताया जाता है कि प्रकाश पांडे ने बहुत कम उम्र में ही मायानगरी मुंबई का रुख कर लिया था. नब्बे के दशक में प्रकाश पांडे की मुलाकात छोटा राजन से हुई थी. कुछ ही दिनों में प्रकाश पांडे छोटा राजन का राइट हैंड बन गया. कहा जाता है कि छोटा राजन और दाऊद के बीच दरार पड़ी तो पीपी को दाऊद के ठिकानों की जिम्मेदारी दी गई. यहां से पीपी का कद और बढ़ गया. कहा तो यहां तक जाता है कि पीपी दाऊद को मारने पाकिस्तान तक पहुंच जाता था. 

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बताया जाता है कि कुछ समय बाद छोटा राजन से भी पीपी की अनबन हो गई थी और उसने छोटा राजन का साथ भी छोड़ दिया था. पीपी उस समय फिर से सुर्खियों में जब उसने दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसीपी राजबीर सिंह की दिनदहाड़े हत्या की थी. इस कांड के बाद पीपी देश छोड़कर वियतनाम में बस गया था और वहीं से अपना कारोबार करने लगा था. बताया जाता है कि पीपी वियतनाम से ही मुंबई के अंडरवर्ल्ड को ऑपरेट करने लगा था. उसे वियतनाम से गिरफ्तार किया गया था. लंबे समय से पीपी उत्तराखंड की अलग-अलग जेलों में बंद हैं. प्रकाश पांडे वर्तमान में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

(इनपुट- संजय सिंह)

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