उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग थमने का नाम ही नहीं ले रही है. सेना के मोर्चा संभालने के बावजूद आग का दायरा बढ़ कर 2 हजार 552 हेक्टेयर हो गया है. वायु सेना के साथ ही सशस्त्र सीमा बल ने भी मोर्चा संभाल लिया है.
सफल रहा ऑपरेशन 'गावं बचाओ'
आग से जलते गांवों को बचाने के लिए 75 कमांडोज के साथ एसएसबी पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट गावं में पहुंची. इस गांव तक जाने का एकमात्र रास्ता बस है, जो सिर्फ खड़ी पहाड़ियों की पगडंडियों से होकर गुजरता है
और मुख्य सड़क से 709 मीटर की ऊंचाई पर है. ऑपरेशन 'गावं बचाओ' सफल तो रहा, पर साथ ही बड़ा मुश्किल भी रहा. आजतक की टीम लगातार सेना की टीम के साथ बनी रही.
दो-तीन दिन में आग पर काबू पाने की उम्मीद
आग बुझाने में सूबे के तंत्र के फेल हो जाने के बाद केंद्र सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए आला अधिकारियो को उत्तराखंड भेज दिया. अधिकारियों की देख-रेख में सारा अभियान चलाया जा रहा है. सरकार को
उम्मीद है कि अगले दो-तीन दिन में आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा.
फिल्ड पर उतरे 10 हजार कर्मचारी
सरकार की मानें तो आग पर काबू पाने के लिए दस हजार कर्मचारियों को फिल्ड पर उतारा गया है, जबकि 23 करोड़ रुपये इस बेकाबू आग पर काबू पाने के लिए जारी कर दिए गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूबे
में 27 अप्रैल को अग्नि काण्ड के 140, 28 अप्रैल को 338, 29 अप्रैल को 477 स्थानों पर आग लगी होने की सूचना आई थी. सरकारी तंत्र के सक्रिय होने के बाद इन घटनाओ में कमी दर्ज की गई है. 30 अप्रैल को 219
और 1 मई को 130 स्थानों पर ही आग बाकी रह गई है.
आपदा से निपटने के लिए 23 करोड़ रुपये जारी
आग के विकराल रूप धारण कर लेने के बाद अब शासन भी नींद से जाग गया है. इस आपदा से निपटने के लिए 23 करोड़ रुपये जारी करने के साथ ही वन पंचायतों को आग पर काबू पाने के लिए पैसे मुहैया करा देने
का दावा किया गया है. सूबे में इस समय 40 मास्टर कंट्रोल रूम और एक हजार 166 अग्निशमन चालक दल अलग-अलग इलाकों में काम कर रहे हैं. अग्निशमन विभाग के 500 कर्मचारियों और सौ प्रांतीय रक्षक दल के
जवानों को प्रभावित क्षेत्रों में उतारने के साथ ही सभी थाना चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है.
कई इलाकों में बारिश की संभावना
जंगलों की इस आग को बुझाने के लिए वन विभाग इंद्र देवता की रहमत का भी इंतजार कर रहा है, लेकिन ये इंतजार भी लंबा खींचता दिखाई दे रहा है. अभी पश्चिमी विछोभ और हवा के रुख में बदलाव से
तापमान में और उछाल आ सकता है. 3 मई से सूबे के कई इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है. इसके बाद ही तेजी से फैलती इस आग पर काबू पाए जाने की उम्मीद है.