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उत्तराखंड: तेंदुए के हमले से 5 साल के बच्चे की मौत, घर के बाहर खेल रहा था मासूम

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के निसणी गांव में मंगलवार शाम 5 साल का पीयूष घर के बाहर खेल रहा था, तभी गुलदार (तेंदुआ) ने हमला कर लिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. नायब तहसीलदार हरेंद्र खत्री ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि निसणी गांव में गुलदार ने एक बच्चे पर हमला कर दिया है.

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तेंदुआ. (सांकेतिक तस्वीर)
तेंदुआ. (सांकेतिक तस्वीर)

उत्तराखंड के पौड़ी में दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां घर के बाहर खेलते वक्त 5 साल के बच्चे को तेंदुआ (पहाड़ों में गुलदार कहा जाता है) उठा ले गया और हमला कर दिया. बच्चे की मौके पर मौत हो गई. घटना के बाद मौके पर प्रशासन की टीम पहुंची और परिजन से जानकारी ली.

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ये पूरा मामला पाबौ ब्लॉक का है. यहां निसणी गांव में मंगलवार शाम 5 साल का पीयूष घर के बाहर खेल रहा था, तभी गुलदार (तेंदुआ) ने हमला कर लिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. नायब तहसीलदार हरेंद्र खत्री ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि निसणी गांव में गुलदार ने एक बच्चे पर हमला कर दिया है. उनकी टीम मौके पर पहुंची और देखा कि बच्चे की मौत हो गई है. बच्चे को पोस्टमार्टम के लिये जिला चिकित्सालय पौड़ी लाया गया है. 

तेंदुए के मूवमेंट से इलाके में दहशत

ग्रामीण बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि उनके क्षेत्र में गुलदार ने पहले भी काफी लोगों पर हमला किया है. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है. उन्होंने कहा कि वे सरकार और वन विभाग से आग्रह करते हैं कि आने वाले समय में ऐसी कोई घटना दोबारा ना हो, इसको लेकर यहां पर पिंजरे लगाए जाएं. लगातार हो रहे गुलदार के हमलों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को भी कदम उठाने होंगे. 

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पौड़ी जिले में बढ़ गए हैं तेंदुए के हमले

दूसरी तरफ वन विभाग की नागदेवरेंज की टीम मौके पर पहुंची और इलाके में गश्त करना शुरू कर दिया है. इसी साल मई में पाबौ ब्लॉक में गुलदार को लोगों ने मौत के घाट उतार दिया था. पौड़ी जिले में तेंदुए के हमले के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में पिछले छह माह में तेंदुए के हमले में करीब 25 लोगों की मौत हो चुकी है. 

हाल ही में इन हमलों को रोकने के लिए पौड़ी जिलाधिकारी ने Tiger Control Room को स्थापित करने की घोषणा की थी. वन विषज्ञों का कहना है कि अक्सर कम उम्र के गुलदार हमला करते हैं. रिहाइशी इलाकों का दायरा बढ़ता जा रहा है. गुलदारों को सफर करते रहना अच्छा लगता है, जिससे वे रिहायशी इलाके में घुस जाते हैं.

 

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