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'मौसम खराब है, लौटना पड़ेगा', केदारनाथ हेलिकॉप्टर क्रैश से पहले पायलट के आखिरी शब्द

उत्तराखंड के केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश होने से 6 यात्रियों समेत 7 लोगों की मौत हो गई. हादसे की वजह खराब मौसम और फॉग को माना जा रहा है. उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि पहाड़ी इलाका होने के चलते यहां अचानक मौसम खराब हो जाता है. फॉग के चलते कुछ नजर नहीं आता. मौसम खराब होने के कारण ही यह हादसा हुआ है.

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केदारनाथ हेलिकॉप्टर क्रैश (फोटो-एजेंसी)
केदारनाथ हेलिकॉप्टर क्रैश (फोटो-एजेंसी)

केदारनाथ में हेलिकॉप्टर क्रैश होने से 7 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 6 यात्री और एक पायलट शामिल हैं. इस भीषण हादसे के बाद अब हेलिकॉप्टर के पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के बीच हुई बातचीत सामने आई है. इसमें सामने आया है कि हेलिकॉप्टर के पायलट ने हादसे से पहले कंट्रोल रूम को मौसम खराब होने की जानकारी दी थी.

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उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आजतक को बताया कि हेलिकॉप्टर केदारनाथ से फाटा की तरफ जा रहा था. अचानक मौसम खराब हो गया. पायलट ने कंट्रोल रूम को मौसम खराब होने की जानकारी दी. उसने कहा कि उसे वापस लौटना पड़ेगा. लेकिन कुछ देर बाद ही हादसे की सूचना मिल गई.

डीजीपी ने आगे बताया कि पहाड़ी इलाका होने के चलते यहां अचानक मौसम खराब हो जाता है. फॉग के चलते कुछ नजर नहीं आता. मौसम खराब होने के कारण ही यह हादसा हुआ है. हेलिकॉप्टर में सवार 3 यात्री गुजरात तो 3 चेन्नई के रहने वाले थे, जबकि पायलट मुंबई के थे.

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कैसे और कब हुआ हादसा?

हादसे का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर केदारनाथ से तीर्थयात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की तरफ जा रहा था. तभी केदारनाथ धाम से 2 किलोमीटर की दूरी पर गरूड़चट्टी के पास खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. पहले हेलिकॉप्टर किसी स्थान से टकराया और फिर इसमें ब्लास्ट हो गया. इस वजह से हेलिकॉप्टर में बैठे लोगों की दर्दनाक मौत हो गई.

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हादसे के वक्त घटनास्थल पर घने बादल छाए थे और जबरदस्त कोहरा था वहां ओले भी गिर रहे थे. इस बीच सबसे पहले हेलिकॉप्टर की आग को बुझाया गया है. प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. बता दें कि हेलिकॉप्टर को केदारनाथ जाने में कई बार दो संकरी घाटियों से होकर गुजरना पड़ता है.

एविएशन कंपनी की लापरवाही!

हादसे के बाद एविएशन कंपनी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि भारी बारिश में भी हेलिकॉप्टर की उड़ान रोकी नहीं जाती है. इससे पहले भी 4 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इससे कुछ सीख नहीं ली गई. अधिकतर हेलीकॉप्टर ईंधन और समय बचाने के लिए ऊंचाई मेंटेन नहीं करते हैं. और गौरीकुंड-केदारनाथ के बीच संकरी घाटी के बीचों-बीच से होकर गुजरते हैं. 

हेलिकॉप्टर में सवार यात्री

1. पूर्वा रामानुज

2. कृति

3. उर्वी

4. सुजाता

5. प्रेम कुमार

6. काला

7. पायलट अनिल सिंह

गुजरात सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

हादसे में जान गंवाने वालीं कृति बराड़ (30), उनकी चचेरी बहन उर्वी बराड़ (25) और पूर्वा रामानुज (26) गुजरात के भावनगर की रहने वाली थीं. गुजरात सरकार ने तीनों के परिवार को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है.

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