प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक केदारनाथ धाम में अब 24 घंटे बिजली मिलेगी. उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने दावा किया है कि पहाड़ों से होते हुए केदारनाथ धाम में बिजली पहुंचा दी गई है. यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से बिजली के निर्बाध आपूर्ति के लिए सोनप्रयाग में विद्युत सब स्टेशन की भी स्थापना की गई है.
केदारनाथ में अक्सर बिजली की समस्या रहती थी, चूंकि ये प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसी को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा विभाग के साथ बैठक कर केदारनाथ में सुचारू विद्युत आपूर्ति के निर्देश दिए थे, जिसे यूपीसीएल ने एक महीने में पूरा कर दिया.
पुनर्निर्माण का काम 80 फीसदी पूरा
केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण का काम लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ड्रोन कैमरे से यहां के निर्माण कार्य की समीक्षा करते रहे हैं. पिछले महीने पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. उस दौरान उन्होंने कहा था कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था. जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा. यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ. इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम है.
काशी विश्वनाथ धाम का किया लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ही वाराणसी में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया है. इसके बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन भाषण दिया. पीएम ने कहा कि ये भव्य धाम लोगों को अतीत के गौरव का एहसास कराएगा. अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50-60 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं. विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का. ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का. ये भवन भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का प्रतीक है. पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है.