प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदेश मिलने के बाद केदारनाथ क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार एक्शन में आ गई है. पीएम मोदी का देवभूमि उत्तराखंड के प्रति प्रेम और समर्पण जगजाहिर है. यही वजह है कि उन्होंने पिछले छह माह में तीन बार उत्तराखंड का दौरा किया. खासकर उनकी बाबा केदार के प्रति काफी आस्था है. अब केदारनाथ क्षेत्र का विकास उनके लिए आस्था का केंद्र बन गया है.
प्रधानमंत्री मोदी बाबा केदार के कपाट खुलने के समय दर्शन के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने केदारनगरी को पूरी तरह देखा था. तभी उन्होंने केदारनगरी को सुंदर और भव्य बनाने का खाका अपने मन में खींच लिया था. इसके बाद वह केदारनाथ के कपाट बंद होने के समय भी दर्शन करने पहुंचे.
इस बार पीएम मोदी ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए कि कैसे केदारपुरी के लिए देखे गए उनके सपने को पूरा करना है. इसी के चलते मोदी के हालिया दौरे के समय पूरी सरकार जबरदस्त एक्शन में नजर आई. इसी एक्शन की बानगी भर है कि उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव ने चार्ज मिलते ही बाबा केदारनाथ का रुख किया.
निर्माण कार्य का लिया जायजा
उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पदभार संभालते ही केदारनाथ धाम पहुंचकर वहां किए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. मुख्य सचिव ने सरस्वती नदी पर कराये जा रहे घाट निर्माण व बाढ़ सुरक्षा कार्य, तीर्थ पुरोहितों का भवन-निर्माण कार्य, एमआई-26 हेलिपैड के समीप किए जा रहे टू-टियर बैरियर व ड्रेनेज सिस्टम के कार्य और पजांब सिंध लॉज के समीप सरस्वती नदी पर हो रहे पुल निर्माण कार्य का जायजा लिया.
पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाने का दिया निर्देश
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कार्यदायी संस्था को पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि आगामी यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें. प्रधामनंत्री मोदी भी यह कह कर जा चुके हैं कि अगले यात्रा सीजन में केदारनाथ में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख के पार पहुंचे, जिसको लेकर उत्तराखंड की सरकार तुरंत एक्शन में आ गयी.
मॉनिटरिंग के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
इसी एक्शन प्लान का ही नतीजा है कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को कड़े निर्देश दिए है कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक सभी पड़ावों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं, जिससे निर्माण कार्यों की निगरानी और प्रगति की जांच की जा सके. इसके साथ ही मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन का इंतजाम करने के भी निर्देश मुख्य सचिव ने दिए हैं.
PM मोदी की उम्मीदों के मुताबिक काम करने को दिए ये निर्देश
1- केदारनाथ मंदिर के पीछे की भूमि का समतलीकरण करने और उसको एक पार्क के रूप में लैंड स्केपिंग करते हुए विकसित करने के निर्देश दिये गये. साथ ही मंदिर के पीछे के समस्त मलबे व बोल्डर्स को हटाने और इस भूमि के समतलीकरण करने के बाद एक पार्क के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिये गये, जिसमें यात्री बैठकर मंदिर के दृश्य का अवलोकन कर सकेंगे.
2- केदारनाथ मंदिर के चबूतरे का ज्यादा से ज्यादा विस्तार करने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा है कि केदारनाथ मंदिर के परिसर का और अधिक विस्तार हो. इस संबंध में जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया है. लोक निर्माण विभाग से कहा गया कि आगामी यात्रा से पहले मंदिर के परिसर को और अधिक भव्य बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए.
3- केदारनाथ मंदिर को जाने वाले मुख्य मार्ग के सौन्दर्यीकरण कार्य का निरीक्षण करते हुए मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये की प्रधानमंत्री की अपेक्षानुसार इस मार्ग का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि केदारपुरी में प्रवेश करते ही तीर्थयात्रियों को मंदिर का विराट व भव्य स्वरूप दिखायी देने लगे. इस मार्ग में प्रयुक्त होने वाले पत्थर और अन्य सामग्री स्थानीय हो. साथ ही स्थानीय कला से ही रास्ते का निर्माण किया जाए.
4- मुख्य सचिव द्वारा मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के तट पर बनने वाली सुरक्षा दीवारों व घाट का भी निरीक्षण किया गया. इस बारे में सिंचाई विभाग और एनआईएम को निर्देशित किया गया कि निर्धारित समय के अंदर इन सुरक्षा दीवारों व घाटों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए, ताकि नदी द्वारा काटी गई भूमि पुनः प्राप्त कर केदारपुरी की सुरक्षा की जा सके.
5- केदारनाथ धाम में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पैदल मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने को कहा गया है, ताकि आगामी यात्रा से पहले घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के लिए दिक्कत न हो. रामबाड़ा से जंगलचट्टी होते हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग का सर्वे करने और इसके निर्माण कार्य को भी सुनिश्चित करने को कहा गया है.
6- जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया कि केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि निर्माण कार्यों की प्रगति किसी भी स्थान पर बैठकर देखी जा सके.
7- मुख्य सचिव द्वारा एनआईएम को निर्देशित किया गया कि केदारनाथ धाम में उरेडा के पावर प्लांट के प्रोजेक्ट को 15 दिन के अन्दर पूरा किया जाए. इसके अलावा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को आदेश दिया गया कि विद्युत की सभी तारों को भूमिगत कराना सुनिश्चित किया जाए.