खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस अबतक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने 15 दिन पहले ही प्लान तैयार कर लिया था. इसके बावजूद पुलिस उसे पकड़ने में नाकामयाब रही. इस बीच अमृतपाल और उसके समर्थकों की तलाश में उत्तराखंड पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर तलाशी अभियान तेज कर दिया है.
अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं. कहीं अमृतपाल और उसके समर्थक उत्तराखंड के रास्ते नेपाल सीमा में न घुस जाएं, इसको लेकर उत्तराखंड पुलिस इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. बीते मंगलवार को उधम सिंह नगर जिले में पुलिस ने गुरुद्वारों, होटलों और भारत-नेपाल सीमा पर इलाकों में अभियान चलाया.
शहर के पुलिस अधीक्षक (SP) मनोज कत्याल ने एजेंसी को बताया कि पुलिस जिलेभर में इन अपराधियों की तलाश करती रही. उन्होंने बताया कि पंजाब के पुलिस अधिकारियों ने सूचना दी कि अमृतपाल सिंह और सहयोगी देश से भागने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर पुलिस ने उत्तराखंड में तलाशी अभियान शुरू किया.
खुफिया एजेंसियां भी स्थिति पर नजर रख रही हैं. पुलिस ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि वह यहां से नेपाल भाग न जाए. पुलिस ने स्थानीय निवासियों को सूचित करने के लिए अमृतपाल और उसके साथियों के पोस्टर भी लगाए हैं.
बता दें कि पंजाब पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह के 100 से ज्यादा सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. उसके चाचा और ड्राइवर को भी पकड़ लिया गया है. पुलिस ने उसकी सात पुरानी तस्वीरें जारी कर दी हैं. किसी तस्वीर में उसके बाल छोटे और हल्की दाढ़ी है तो किसी में सिर पर पगड़ी पहनी है. किसी तस्वीर में उसकी न तो दाढ़ी है और न ही लंबे बाल.
अमृतपाल को क्यों पकड़ रही है पुलिस?
बीते महीने 23 फरवरी को अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे से जुड़े लोगों ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला कर दिया था. हाथ में तलवार, लाठी-डंडे लेकर इन लोगों ने आठ घंटे तक बवाल मचाया था. ये बवाल अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान की रिहाई को मांग को लेकर हुआ था. तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था. हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था.