उत्तराखंड में जोशीमठ के 30 फीसदी हिस्से में भू-धंसाव की खबरों ने एक बार फिर माहौल गर्म कर दिया है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल शक्ति का कहना है कि मुख्यमंत्री ने तो कहा है कि 40 फीसदी जोशीमठ खतरे की जद में है. हमारा कहना है कि 40 फीसदी नहीं, ये खतरा पूरे जोशीमठ नगर में है.
अतुल शक्ति का कहना है कि ये बहुत बड़ी लापरवाही है. हम बार-बार इस सवाल को उठाते रहे. इतना ही नहीं भू-वैज्ञानिक बार-बार चेतावनी देते रहे और शहर को बचाने की बात करते रहे लेकिन किसी ने बात नहीं मानी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार इन सभी स्थितियों से आंख मूंद रही है. इतना ही नहीं सरकार सूचनाएं छुपाकर लोगों को धोखे में रख रही है.
गौरतलब है कि जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर रिसर्च कर रही सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने प्राथमिक रिपोर्ट एनडीएमए को सौंप दी हैं. अधिकारियों के मुताबिक सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है और पानी के डिस्चार्ज में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है.
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे राहत व बचाव और स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से संबंधित जानकारी बुधवार को साझा की थी. दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रुपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित कर दी गई है. जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को सौंप दी है. जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है. ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी है.
बताया कि सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है. जोशीमठ में शुरुआत में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज, जो 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 181 एलपीएम हो गया है. पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है. अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है.
कहा कि अभी तक 863 भवनों में दरारें नजर आई हैं. गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं. 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है. 286 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं. विस्थापित परिवार के सदस्यों की कुल संख्या 957 है.