उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बना दिया था. बीजेपी के लगातार दूसरी दफे सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस था. वजह थी सूबे में पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने वाले पुष्कर सिंह धामी का चुनाव हार जाना.
उत्तराखंड में बीजेपी के चुनाव अभियान का चेहरा रहे पुष्कर सिंह धामी ने छह महीने के अपने छोटे से कार्यकाल में ही सूबे का हर चुनाव में सरकार बदलने का ट्रेंड पलट दिया लेकिन अपनी सीट नहीं बचा पाए. बीजेपी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस लाने में सफल रहे पुष्कर सिंह धामी को खटीमा विधानसभा सीट से मात खानी पड़ी जिसके बाद अगले मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थीं.
पुष्कर सिंह धामी को अपनी सीट पर हार के बावजूद बीजेपी विधायक दल ने अपना नया नेता चुन लिया है. केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने विधायक दल की बैठक के बाद इसका औपचारिक ऐलान कर दिया है. अपनी सीट हारने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी सीएम पद की रेस में जीत गए हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलों का दौर भी अब थम गया है.
सीधे मुख्यमंत्री बने थे पुष्कर सिंह धामी
पुष्कर सिंह धामी एक गैर राजनीतिक परिवार से आते हैं. इनके पिता सेना में सूबेदार थे. पिथौरागढ़ के कनालीछिना में साल 1975 में जन्में धामी लॉ की डिग्री लेने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे धामी साल 2002 से 2008 के बीच दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे. धामी मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री भी नहीं रहे थे.
उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
पुष्कर सिंह धामी के नाम एक और अनोखा रिकॉर्ड है. पुष्कर सिंह धामी 45 साल की उम्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. वे उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री भी हैं. हालांकि, धामी को बतौर मुख्यमंत्री मात्र छह महीने का ही समय मिला था कि चुनाव हो गए. बीजेपी ने सूबे में सीएम धामी के युवा चेहरे, युवा नेतृत्व में चुनाव लड़ा और जीतकर दोबारा सत्ता में वापसी कर राज्य गठन के बाद हर चुनाव में सरकार बदलने के ट्रेंड को भी तोड़ दिया.
कोश्यारी के करीबियों में होती है गिनती
दूसरी बार उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने जा रहे पुष्कर सिंह धामी की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबियों में होती है. कोश्यारी जब मुख्यमंत्री थे, धामी उनके ओएसडी हुआ करते थे. पुष्कर सिंह धामी 2012 और 2017 में खटीमा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे. हालांकि, 2022 के चुनाव में धामी हार गए थे.