राजाजी टाइगर रिजर्व और कॉर्बेट पार्क के बीच बनाई जा रही सड़क के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई है. केंद्रीय कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से पूछा कि जब आपने हमसे वादा किया था कि वहां एक इंच भी सड़क नहीं बनेगी, तो वहां सात मीटर ब्रिज कैसे बन गया.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सड़क निर्माण पर रोक लगाते हुए कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद ही निर्माण कार्य करे. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के निर्माण संबंधी आदेश को रद्द कर दिया. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था और वहां पर निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए कहा था. राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से होकर जाने वाली सड़क उत्तराखंड सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यह सड़क लालढांग से चिलेरखल के बीच रिजर्व कॉरिडोर में बनाई जा रही थी.
ये सुनवाई एक एनजीओ की ओर से दायर की गई याचिका पर की गई. फैसला एनजीटी की ओर से पर्यावरण और वन मंत्रालय, नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ और नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी को दिए गए निर्देश के तीन महीने बाद आया. इसमें राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अवैध रूप से सड़क निर्माण पर एक रिपोर्ट जारी की थी. राजाजी टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से पेड़ों को काटा जा रहा था और गंगा नदी के सहारे लकड़ी की तस्करी हो रही थी. इसे लेकर याचिका दायर की गई है.