प्रदेश के बुजुर्गों को निःशुल्क चारधाम यात्रा कराने के लिए राज्य सरकार की 'मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ' योजना के तहत मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को तीन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों का सम्मान और राज्य के भीतर अन्तर्जनपदीय पर्यटन को बढ़ावा देना है.
रावत ने कहा कि उत्तराखंड के लोग दूसरे राज्यों के लोगों की तुलना में राज्य के भीतर बहुत कम घूमने के लिए जाते हैं. उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि राज्य के एक जिले के लोग दूसरे जिलों में घूमने जाएं. इससे एक-दूसरे के बारे में परिचित होने का अवसर मिलेगा, क्षेत्रीय व सांस्कृतिक समन्वय बढ़ेगा और राज्य की अर्थव्यस्था भी गतिशील होगी.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत अरमान से यह योजना प्रारंभ की गई है और इस वर्ष 20 से 25 हजार बुजुर्गों को इसके तहत लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि इस योजना को धीरे-धीरे और अधिक विकसित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभान्वित बुजुर्गों को वर्ष 2017 के बाद फिर से चार धाम तथा अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाएगी. आपको बता दें कि तीन बसों में से एक बस में 30 बुजुर्ग गंगोत्री धाम के लिए जबकि दो बसों में 64 बुजुर्ग बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किए गए.
इनपुट: भाषा