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धारी देवी मंदिर परिसर की हिफाजत को लेकर अब जागा प्रशासन

धारी देवी मंदिर परिसर में दरार पड़ने की खबर के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है. प्रशासन एक दिन पहले तक मामले की जानकारी होने तक से इनकार कर रहा था. मंदिर में दरार पड़ने की खबरें सामने आने के बाद अब श्रीनगर के एसडीएम ने धारी देवी मंदिर परिसर का मुआयना किया है.

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धारी देवी मंदिर
धारी देवी मंदिर

धारी देवी मंदिर परिसर में दरार पड़ने की खबर के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है. प्रशासन एक दिन पहले तक मामले की जानकारी होने तक से इनकार कर रहा था. मंदिर में दरार पड़ने की खबरें सामने आने के बाद अब श्रीनगर के एसडीएम ने धारी देवी मंदिर परिसर का मुआयना किया है.

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मुआयना करने के बाद उन्होंने माना कि 17 जून को आई बाढ़ के कारण मंदिर में ये दरारें पड़ी थीं, जो कि अब कुछ और बढ़ गई है. एसङीएम ने कहा कि मंदिर में दरारों की विशेषज्ञों द्वारा जांच कराई जानी चाहिए.

मां धारी देवी मंदिर में दरार की खबरें बाहर आईं, तो फिर से लोगों में दहशत पैदा होने लगी कि कहीं धारी देवी मां फिर से नाराज तो नहीं हैं. क्या फिर से कोई अनिष्ट होने वाला है. लोगों में भी दहशत है और खबरों के बाद प्रशासन की भी नींद खुली है. एसडीएम ने चुपचाप मंदिर का मुआयना किया और बाद में माना कि मंदिर के खंभों और मंदिर में अन्‍य कई जगह दरारें बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि 16-17 जून की बाढ़ में बहकर आए भारी पेङों के टकराने से ये दरारें आईं. उन्होंन कहा कि दरारों की जांच के लिए विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा.

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दूसरी ओर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने भी कहा कि धारी देवी मंदिर को कोई खतरा ना हो और कोई नुकसान ना पहुंचे, इसके लिए प्रशासन को जल्द इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि धारी देवी मां का मंदिर सिद्धपीठ है और हमारी आस्था का प्रतीक है, इसलिए मंदिर को कोई खतरा न हो. साथ ही सरकार को जल्द से जल्द कोई उपाय करना चाहिए.

आखिरकार प्रशासन को सच्चाई माननी ही पड़ी. मां धारी देवी के प्रति राज्य के लोगों की अगाध आस्था है. ऐसे में यदि सरकार ने इस ओर जल्द ही ध्यान नहीं दिया, तो लोगों की आस्था को चोट पहुंचेगी.

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