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दोबारा न हो चमोली जैसी त्रासदी, 20-30 फीट तक खोला गया ऋषिगंगा झील का मुहाना

ऋषिगंगा झील के प्रेशर को कम करने के लिए पहले 6 फीट मुहाने को खोला गया था और अब लगभग 30 फ़ीट के करीब तक खोल दिया गया है ताकि झील का पानी बाहर निकल सके.

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ऋषिगंगा झील पहुंचा है वैज्ञानिकों का दल (फोटो-PTI)
ऋषिगंगा झील पहुंचा है वैज्ञानिकों का दल (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वैज्ञानिकों का दल झील वाले इलाके में पहुंचा
  • 20-30 फीट तक खोला गया झील का मुहाना
  • चमोली त्रासदी के कारणों की पड़ताल जारी

तपोवन त्रासदी के बाद हिमालयी क्षेत्र में बनी झील में एसडीआरएफ और वैज्ञानिकों की टीम जलभराव वाले क्षेत्र में पहुंची है. इस इलाके में टीम पिछले तीन दिनों से झील के करीब ही कैम्पिंग कर रही है. वैज्ञानिक दल का मकसद झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करना और उसका समाधान करना है. 

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वैज्ञानिकों का दल स्थिति का आकलन करने के बाद सुझाव भी देगा. वहीं, SDRF दल का दस्ते के साथ जाने का उद्देश्य गेल्शियर क्षेत्र में वैज्ञानिकों को सुरक्षा मुहैया कराना है. निर्धारित स्थान तक सभी को सुरक्षित पहुंचाना और उनको लाने का काम एसडीआरएफ कर रही है एसडीआरएफ की टीम सर्वेक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाने का भी काम कर रही है. साथ ही झील के प्रेशर को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. 

SDRF ने सोमवार को QDA सिस्टम को हवाई मार्ग के जरिये सुरक्षित झील क्षेत्र में भेजा. QDA को मंगलवार को स्थापित कर दिया गया है. इसके जरिये आज संबंधित क्षेत्र से लाइव वीडियो प्रसारण शुरू कर दिया गया. QDA के माध्यम से सचिवालय कंट्रोल रूम से ही जलभराव क्षेत्र में स्थित सभी जवानों ओर वैज्ञानिकों से बातचीत हो रही है. 

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कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने बताया कि झील के प्रेशर को कम करने के लिए पहले 6 फीट मुहाने को खोला गया था और अब लगभग 30 फ़ीट के करीब तक खोल दिया गया है ताकि झील का पानी बाहर निकल सके. इसकी वजह से झील की साइड वाल पर भी पानी का दवाब कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि सैटेलाइट फोन के माध्यम से SDRF कंट्रोल रूम का टीम से संपर्क लगातार ही बना हुआ है.  समय-समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा जारी दिशा निर्देशों को भी संबंधित टीम तक पहुंचाया जा रहा है.

क्या होता है QDA

क्या होता है QDA. यह Quick Deployable Antenna होता है. यह नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की नवीनतम टेक्नोलॉजी है. इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा भेजने के लिए 1.2 मीटर एंटीना टर्मिनल और 1.2 मीटर स्टेटिक एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है.

यह वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है. वॉयस और वीडियो को दूर से वीसैट टर्मिनल तक भेजा जाता है. यह एक पोर्टेबल सिस्टम है जो अलग-अलग रिमोट एरिया में तुरंत लगाया जा सकता है.

 

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