River Rafting In Rishikesh: दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल, फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) को एक महिला की राफ्टिंग की वीडियो क्लिप हटाने का निर्देश दिया है. यह वीडियो बिना महिला की अनुमति के ऑनलाइन डाली गई थी, जिससे उसे ट्रोलिंग और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
ऋषिकेश में ट्रैवल एजेंसी ने डाली थी वीडियो
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया कि वे न केवल यह वीडियो हटाएं बल्कि इसके दोबारा अपलोड होने से भी रोकें. यह वीडियो उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक राफ्टिंग इंस्ट्रक्टर और उसकी ट्रैवल एजेंसी द्वारा रिकॉर्ड और शेयर किया गया था.
महिला ने अपनी याचिका में कहा कि वह मार्च 2025 में छुट्टियों के लिए ऋषिकेश गई थीं और एक ट्रैवल एजेंसी के जरिए राफ्टिंग की बुकिंग की थी. इंस्ट्रक्टर ने उन्हें गोप्रो कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा देने का ऑफर दिया, जिसे उन्होंने केवल प्राइवेट यूज के लिए स्वीकार किया.
वीडियो में महिला डर और घबराहट की स्थिति में दिखाई दे रही
हालांकि, बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिला एक डर और घबराहट की स्थिति में दिखाई दे रही हैं. इससे उनका मज़ाक उड़ाया गया और उन्हें साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग और मानसिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा.
कोर्ट ने मांगा जवाब
महिला ने कोर्ट से अपील की कि उनकी निजता का उल्लंघन हुआ है और इस वीडियो के प्रसार पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार, सोशल मीडिया कंपनियों, इंस्ट्रक्टर और ट्रैवल एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी. कोर्ट ने सरकार को भी जरूरी कार्रवाई करने को कहा है.
बता दें कि राफ्टिंग एक बहुत ही रोमांचक लेकिन जोखिम भरा ऐडवेंचर स्पोर्ट है. यह पानी के तेज बहाव में नाव (राफ्ट) के सहारे की जाती है, इसलिए इसमें सुरक्षा और सावधानी बेहद जरूरी होती है. राफ्टिंग के वक़्त सुरक्षा उपाय जरूरी हैं.
राफ्टिंग के खतरे
तेज बहाव
नदी का बहाव बहुत तेज होता है, खासकर मानसून के समय. अगर नाव पलट जाए या कोई व्यक्ति गिर जाए तो डूबने का खतरा होता है.
चोट लगना
चट्टानों से टकराने या नाव से गिरने पर हाथ-पैर में गंभीर चोट आ सकती है.
हाइपोथर्मिया
ठंडे पानी में लंबे समय तक रहने से शरीर का तापमान गिर सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है.