खबर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब भारत-चीन सीमा के पास के इलाकों में जागरुकता फैलाने की मुहिम छेड़ने वाला है. बीजेपी का मातृ-संगठन उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में स्कूल और होस्टल खोलकर 'राष्ट्र विरोधी' तत्वों के खिलाफ जागरुकता फैलाएगा.
कैदार वैली में एक हॉस्टल के जरिये यह काम शुरू भी हो चुका है. संघ आस-पास के इलाके में और हॉस्टल बनाने की जगह भी ढूंढ रहा है. बताया जा रहा है कि संघ इलाके में अस्पताल खोलने की योजना भी बना रहा है.
संघ लद्दाख में काफी पहले से एकल विद्यालय चला रहा है और 500 छात्रों को शिक्षा दे रहा है. साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में आरएसएस आरोग्यरक्षक योजना के तहत मोबाइल डिस्पेंसरीज के चलते मेडिकल सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहा है.
आरएसएस का मानना है कि सीमा के पास स्थित दूरस्थ इलाकों को मुख्य धारा में जोड़ने की जरूरत है, क्योंकि वे चीन की ओर से घुसपैठ के 'सॉफ्ट टारगेट' हैं. संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने कहा, 'उत्तराखंड में कई गांव हैं जो विकास से अछूते रह गए हैं. यहां की बेरोजगारी और निराशा के भाव का भाव का फायदा चीन उठाता है. हमारे स्कूल और होस्टल छात्रों को राष्ट्रवादी शिक्षा प्रदान करेंगे और उन्हें राष्ट्रविरोधी तत्वों से दूर रखेंगे. साथ ही इलाके में संगठन का दखल चीन को भी वहां घुसपैठ करने से रोकेगा.'
ये स्कूल और होस्टल केदार वैली, धारचूला, गंगोत्री, यमुनोत्री, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग और बद्रीनाथ जैसी जगहों पर खोले जाएंगे. यहां मेडिकल वैन भी काम पर लगाई जाएंगी.