जिस कूड़े को देखकर लोग मुंह फेर लेते हैं, वही कूड़ा उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग नगर पालिका के लिए लाखों की आमदनी का जरिया बन रहा है. इस कूड़े से आम लोग भी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए मेहनत की भी जरूरत नहीं है, बल्कि महीने भर का अजैविक कूड़ा एकत्र करके पालिका को सौंपना है. पालिका इस कूड़े को घरों से एकत्र कर लोगों को कमाकर देगी. ऐसे में घर बैठे अजैविक कूड़े को एकत्र कर कमाई की जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2019 में जहां अजैविक कूड़े से नगर पालिका रुद्रप्रयाग को पन्द्रह हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. वहीं, वर्ष 2021 में कमाई का आंकड़ा लाखों में चला गया है. तीन महीने में अजैविक कूड़े से पालिका की दो लाख से ज्यादा की कमाई हुई है. अब पालिका ने हर साल अजैविक कूड़े से दस लाख की कमाई का टारगेट रखा हुआ है.
जिस कूड़े को लेकर कभी नगर पालिका की किरकिरी होती रहती थी, उसी से अब लाखों की आमदनी प्राप्त हो रही है. बीते दो वर्षों में पालिका ने अजैविक कूड़े-कचरे से तीन लाख रुपये से अधिक की कमाई की है, जबकि जैविक कूड़े से खाद तैयार की जा रही है जिसे ग्रेड के हिसाब से बेचनी की तैयारी है. कूड़े से प्राप्त हो रही धनराशि को पालिका निधि में जमाकर विकास कार्यों में खर्च किया जाता है.
अलकनंदा और मंदाकिनी के संगम पर बसे रुद्रप्रयाग को नगर पालिका बने डेढ़ दशक का समय बीत चुका है. लगभग 15 हजार आबादी वाले नगर पालिका क्षेत्र को सात वार्डों में बांटा गया है. जहां से प्रतिदिन घरों एवं दुकानों से नगर पालिका की ओर से करीब 6 टन कूड़ा-कचरा एकत्रित किया जा रहा है. इस कूड़े में 40 क्विंटल जैविक और 20 क्विंटल अजैविक कचरा शामिल है.
नपा (NPA) की ओर से कूड़े को डंप करने के लिए मुख्यालय से पांच किमी दूर रैंतोली में डंपिंग जोन बनाया गया है. जहां जैविक और अजैविक कूड़े की छंटनी की जा रही है. अजैविक कूड़े को कॉम्पैक्ट करने के लिए यहां कॉम्पैक्टर मशीन भी लगाई गई है. नगर पालिका की ओर से 6 फरवरी को अजैविक कूड़े को बेचकर 47 हजार 996, 25 फरवरी को 47 हजार 805, 26 मार्च को 42 हजार 477 एवं 8 जून को 68 हजार 487 रुपये की कमाई की गई. इस वर्ष पालिका ने 25, 389 किलो कूड़ा बेचकर अब तक दो लाख 6 हजार सात सौ पैंसठ रुपये की कमाई की है.
नगर पालिका ईओ सीमा रावत ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक कूड़े से 3,11,765 रुपये की आमदनी हो चुकी है. इसी वर्ष फरवरी से जून तक कूड़े की चार किस्तों से दो लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है, जबकि बीते वर्ष 90 हजार और 2019 में पन्द्रह हजार रुपये कूड़ा बिक्री से प्राप्त हुए थे.
उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों में अजैविक कूड़े को रखकर आमदनी कमा सकते हैं. इसके लिए उन्हें किसी मेहनत की भी जरूरत नहीं है. लोग घरों में एक महीने का अजैविक कूड़ा इकट्टा कर पालिका को दे सकते हैं. पालिका का वाहन लोगों के घरों में आकर अजैविक कूड़े को उठाकर ले जायेगा.
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