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जोशीमठ संकट से बेघर लोगों के लिए आया सेटलमेंट प्लान, ये 3 ऑप्शन सुझाए गए

जोशीमठ के पीड़ितों के लिए सरकार मुआवजा स्कीम लेकर आ गई है. इसमें लोगों को तीन विकल्प दिए गए हैं. तीनों में से अगर पीड़िता व्यक्ति कोई भी विकल्प को अपनाता है तो उसे अपने घर या जमीन की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने की घटनाएं सामने आने के बाद बेघर हुए लोगों के लिए सरकार सेटमेंट प्लान लेकर आई है. इसके तहत लोगों को 3 ऑप्शन सुझाए गए हैं. प्लान में यह भी कहा गया है कि किसी भी विकल्प को अपनाने और सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को अपने घर की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी.

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चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में विस्थापितों के लिए तीन विकल्प सुझाए. खुराना जोशीमठ के लिए समझौता स्कीम पर काम कर रही कमेटी के प्रमुख हैं. यह प्लान अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त पैनल को सौंपा गया.

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने तीनों विकल्प के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि पहला विकल्प प्रभावित भूमि या भवन मालिकों को एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का है. उन्होंने कहा कि मकान या भूमि क्षतिग्रस्त होने पर तय मानदंड के मुताबिक एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा. इसका लाभ लेने के लिए भुगतान से पहले पीड़ित को जमीन  या मकान की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी.

दूसरे विकल्प के तहत पीड़ित व्यक्ति को अधिकतम 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक जमीन घर बनाने के लिए दी जाएगी. वहीं, घर को हुए नुकसान के लिए मुआवजा अलग से दिया जाएगा. जिन लोगों की जमीन 100 वर्ग मीटर से ज्यादा है, उन्हें शेष भूमि के बदले भुगतान नियमों के मुताबिक किया जाएगा. इसमें भी रजिस्ट्री पहले ही सरकार के नाम पर करनी होगी.

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तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक की भूमि पर भवन का निर्माण किया जाएगा. अगर प्रभावित शख्स के घर या जमीन की कीमत दी जा रही जमीन या मकान से ज्यादा है तो बाकी पैसों का भुगतान भी किया जायेगा.

आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि चमोली डीएम ने प्रस्तावित तीन विकल्पों को उपयुक्त पाया है. अब इसे राज्य मंत्रिमंडल के विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. डीएम ने उन घरों/भवनों की रेट्रोफिटिंग के लिए पैसे देने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें छोटी-छोटी दरारें हैं और जो 'सुरक्षित' जमीन पर हैं.

कमेटी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि जोशीमठ क्षेत्र के प्रभावित परिवारों के साथ-साथ प्रभावित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बिजली/पानी बिलों को 6 महीने तक माफ करने की कार्रवाई की जाए. सिन्हा ने कहा है कि जोशीमठ में भूस्खलन से प्रभावित 3 स्कूलों के छात्रों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया है. प्रशासन उन्हें मुफ्त ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान करेगा. 

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