केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिनरात एक कर दिया है. 20 अक्टूबर को केदारनाथ में पांच पुनर्निर्माण योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद अब मोदी जल्द से जल्द इस कार्य को पूरा करवाना चाहते हैं. इस कड़ी में पीएम मोदी केदारनाथ से तीन किलोमीटर दूर तपस्थली गरुड़चट्टी का भी जीणोद्धार करना चाहते हैं.
आपदा के बाद गरुड़चट्टी केदारनाथ से पूरी तरह कट गया था. पीएम मोदी के निर्देश पर उसे वापस जोड़ने के लिए रेलवे की एक टीम शुक्रवार को उत्त्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों के साथ वहां जा रही है. ये टीम गरुड़चट्टी को केदारनाथ से जोड़ने के लिए पुल बनाने की योजना का प्रारूप तैयार करेगी.
शुक्रवार को अपनी मसूरी यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत और आला अधिकारियों के साथ केदारनाथ के पुनर्निर्माण को लेकर चल रहे कार्य की समीक्षा करेंगे. इस मौके पर पीएम मोदी केदारनाथ से जुड़ी एक वेबसाइट का भी उद्धघाटन करेंगे.
कर्नल कोठियाल औऱ उनकी टीम केदारनाथ के पुनर्निर्माण को अंतिम रूप दे रही है. केदारनाथ की सुरक्षा दीवार पर शिव के 20 रूप उकेरे जा रहे हैं। इसके साथ ही मंदाकिनी और सरस्वती नदी पर घाट बनाये गए हैं. शंकराचार्य की समाधि बनाई जा रही, इसके साथ ही मंदिर के पीछे यात्रियों के लिए ध्यान केंद्र भी बनाया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी केदारनाथ के नए स्वरूप का खुद उद्घाटन करेंगे.
बताया जाता है कि 1985 से 1990 के बीच में मोदी ने गरुड़चट्टी में जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष व्यतीत किये. इस दौरान उन्होंने गरुड़चट्टी में तपस्या की और हर रोज नंगे पैर वे 3 किलोमीटर केदारनाथ में जल चढ़ाने जाते थे. उसके बाद भी मोदी बाबा केदार के दर्शन के लिए लगातार आते रहे हैं.