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'मौसम हमें चुनौती दे रहा है...', उत्तराखंड टनल हादसे पर पीएम मोदी ने देश से की ये अपील

हैदराबाद में पीएम मोदी ने कहा, फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. आज जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और मानवता के कल्याण की बात करते हैं तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी शामिल करना चाहिए जो उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे हुए हैं.

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उत्तराखंड टनल हादसे पर बोले पीएम मोदी
उत्तराखंड टनल हादसे पर बोले पीएम मोदी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 16 दिनों से मजदूर फंसे हुए हैं. सरकार मजदूरों को उस सुरंग से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तो चला रही है. लेकिन अब तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका है. विशेषज्ञों की निगरानी में मजदूरों को वहां से निकालने के लिए हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल ड्रिलिंग हो रही है. इस बीच हैदराबाद की एक रैली में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि उन मजदूरों के लिए प्रार्थना करें. 

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हैदराबाद में पीएम मोदी ने कहा, फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. आज जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और मानवता के कल्याण की बात करते हैं तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी शामिल करना चाहिए जो उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे हुए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार और सभी एजेंसियां ​​मिलकर उन्हें बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं. हालांकि, हमें इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरी सावधानी के साथ पूरा करने की जरूरत है. इस ऑपरेशन में प्रकृति हमें चुनौती दे रही है, लेकिन हम मजबूती से खड़े हैं.

12 नवंबर को हुआ था सुरंग हादसा 

आपको बता दें कि 12 नवंबर 2023 को सिल्कयारा से बारकोट तक निर्माणाधीन सुरंग में 60 मीटर हिस्से में मलबा गिरने से सुरंग ढह गई. फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा तत्काल संसाधन जुटाए गए. पांच एजेंसियों- ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, आरवीएनएल, एनएचआईडीसीएल और टीएचडीसीएल को विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जो परिचालन दक्षता के लिए सामयिक कार्य समायोजन के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

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श्रमिकों को लगातार भेजा जा रहा खाना

बताते चलें कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के प्रयासों के अलावा एक अन्य 6 मीटर की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों के लिए नियमित अंतराल पर सुरंग के अंदर ताजा पका हुआ भोजन और ताजे फल डाले जा रहे हैं. इस पाइपलाइन में नियमित अंतराल में संतरा, सेब, केला आदि फलों के साथ-साथ औषधियों एवं लवणों की भी पर्याप्त आपूर्ति की जाती रही है. भविष्य के स्टॉक के लिए अतिरिक्त सूखा भोजन भी पहुंचाया जा रहा है. एसडीआरएफ द्वारा विकसित वायर कनेक्टिविटी युक्त संशोधित संचार प्रणाली का उपयोग संचार हेतु नियमित रूप से किया जा रहा है. अंदर मौजूद लोगों ने बताया है कि वे सुरक्षित हैं.
 
दोनों तरफ से खुदाई का काम

गौरतलब है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत अब वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों तरफ से खुदाई का काम चल रहा है. पहाड़ के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. वहीं, सुरंग के बाहर की तरफ से ही ऑगर मशीन के जरिए 60 मीटर तक पाइप डाला जा रहा था, जिसका कि 48 मीटर तक की खुदाई पूरी भी हो गई थी. लेकिन भारी चट्टान की वजह से ब्लेड टूट गए. उधर येलो अलर्ट जारी होने से बचावकर्मियों की मुश्किलें बढ़ी हैं. मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में कई जगहों पर हल्की बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है.

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