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वकीलों से हुई एक चूक... फिर दिल्ली से ऐसे धरा गया हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक

अब्दुल मलिक पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कराने का आरोप है, जिसे हटाने के दौरान 8 फरवरी को शहर में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में छह लोगों को मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी और मीडिया के लोग भी थे. हिंसा के दिन (8 फरवरी) शहर में दंगा भड़क गया था.

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बनभूलपुरा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार
बनभूलपुरा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार

उत्तराखंड के बनभूलपुरा हिंसा मामले का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थीं और लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था. सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान को लेकर करोड़ों रुपये की भरपाई के लिए आरोपी के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. बावजूद इसके पुलिस आरोपी को पकड़ने में विफल हो रही थी. फिर आरोपी के वकीलों से एक चूक हुई और पुलिस को बड़ा सुराग मिल गया. बस फिर क्या था, उत्तराखंड पुलिस ने बिना देर किए आरोपी को दिल्ली से धर दबोचा.

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अब्दुल मलिक पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कराने का आरोप है, जिसे हटाने के दौरान 8 फरवरी को शहर में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में छह लोगों को मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी और मीडिया के लोग भी थे. हिंसा के दिन (8 फरवरी) शहर में दंगा भड़क गया था, जिसके बाद पुलिस बल और नगर निगम के कर्मचारियों पर हमला और एक पुलिस स्टेशन में आग लगाने की घटना को अंजाम दिया गया था. इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक ही था. 

आरोपी के वकीलों से क्या चूक हुई?

दरअसल, पुलिस से बचकर भाग रहे आरोपी अब्दुल मलिक ने गिरफ्तारी के डर से वकीलों के जरिए हल्द्वानी की सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कराई हुई है, जिस पर 27 फरवरी को सुनवाई होनी है. बताया जा रहा है कि आरोपी के वकीलों द्वारा अग्रिम जमानत याचिका में दिल्ली का पता दिया गया था. जैसे ही पुलिस को इस एड्रेस के बारे में जानकारी हुई, तत्काल इस पते पर टीम भेजी गई. यहां दबिश के दौरान आरोपी अब्दुल मलिक पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 

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आरोपी से 2.44 करोड़ की वसूली करेगा नगर निगम

बता दें कि हल्द्वानी नगर निगम ने कुछ दिनों पहले ही कार्रवाई करते हुए 8 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में वसूली का नोटिस जारी किया था. यह वसूली नोटिस कुल 2.44 करोड़ रुपये का था, जिसमें मलिक के समर्थकों पर 'मलिक का बगीचा' में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला करने और नगर निगम की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई है.

लोकसभा चुनाव लड़ चुका है आरोपी अब्दुल मलिक 

आरोपी अब्दुल मलिक मोटा पैसा जमा करने के बाद नेता बनने का सपना देखा था. वह साल 2004 में फरीदाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए बसपा से टिकट लाकर चुनाव भी लड़ चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक को नामांकन के अंतिम दिन टिकट मिला था और नॉमिनेशन फाइल करने के दौरान उसके साथ 100 लोगों की टीम थी. इस चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था. उस साल इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली थी. तब फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में मेवात भी शामिल था. 

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