उत्तराखंड में टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा मोटरेबल सिंगल लेन डोबरा-चांठी झूला पुल बनकर तैयार हो गया है. टिहरी उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध टिहरी झील पर बने इस सपनों के पुल का जल्द ही उद्घाटन होगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोबरा-चांठी पुल के बनकर तैयार होने पर खुशी जाहिर की है.
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ से प्रताप नगर-लंबगांव क्षेत्र के लोगों को ये सौगात दी जाए. उन्होंने कहा कि प्रतापनगर, लंबगांव और धौंतरी के लोगों की पीड़ा को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. उन लोगों को काफी तकलीफ उठानी पड़ी. लेकिन सरकार ने 440 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण में आ रही धन की कमी को दूर करते हुए एक साथ 88 करोड़ रुपये रिलीज किए.
सीएम ने कहा कि जल्द ही यह पुल जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. इस पुल के बनकर तैयार हो जाने से लगभग तीन लाख आबादी लाभान्वित होगी. गौरतलब है कि प्रतापनगर, लंबगांव और धौंतरी में रहने वाली करीब तीन लाख से ज्यादा आबादी को टिहरी जिला मुख्यालय तक आने के लिए पहले 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. इस पुल के शुरू होने के बाद अब यह दूरी घटकर आधी रह जाएगी.
14 साल तक करना पड़ा इंतजार
इस पुल के निर्माण का सपना 14 साल लंबे इंतजार के बाद साकार हो सका. इस पुल का निर्माण साल 2006 में शुरू हुआ था, जिसके बाद कई कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे. साल 2016 में दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने इस पुल के निर्माण का जिम्मा उठाया और चार साल में पुल बनाकर तैयार कर दिया. इस पुल के निर्माण पर तीन अरब रुपये खर्च हुए हैं. इस पुल की क्षमता 16 टन भार सहन करने की है और उम्र 100 साल होने का दावा किया जा रहा है. इस पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है. इस पुल के लिए अंतरराष्ट्रीय टेंडर निकाला गया था.