
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के मैदानी भागों में जोरदार गर्मी और लू को देखते हुए हजारों की संख्या में लोग पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं. स्कूलों में इस वक्त गर्मी की छुट्टियां भी हो रखी है इसलिए लोग इत्मीनान से सैर करने उत्तराखंड जा रहे हैं. लेकिन इससे पहाड़ों की जिंदगी प्रभावित हुई है. कई जगहों पर जाम लग गया है. अचानक बढ़ी भीड़ से पहाड़ों में कई चीजों की किल्लत हो गई है. इस बीच कुछ सैलानियों की लापरवाहियां उनके लिए जान का जोखिम लेकर आ रही है. रुद्रप्रयाग जनपद के हिमालयी क्षेत्र में पांडव सेरा में गए एक सात सदस्यीय ट्रैकिंग दल लापता हो गया है. इनकी खोजबीन की जा रही है.
बदरीनाथ धाम की यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओं ने इस बार पिछले सारे वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसा लग रहा है कि 2 साल से कोरोना की वजह जो लोग बदरीनाथ धाम नहीं पहुंच पाए थे वे इस बार अपनी कसर पूरी कर रहे हैं. यात्रियों की भारी संख्या की वजह से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोशीमठ में भारी जाम की समस्या पैदा हो गई है.
लगभग 4 लाख यात्रियों ने बाबा बदरी के दर्शन दिए
जहां कुछ दिन पूर्व तक केदारनाथ धाम में बदरीनाथ धाम से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे वहीं अब बदरीनाथ धाम में केदारनाथ से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. 27 मई तक बदरीनाथ में 3 लाख 80 हजार से भी अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं.
5 मिनट से लेकर एक घंटे तक का जाम
जहां एक और बदरीनाथ धाम की यात्रा अपने पूरे चरम पर है वहीं हेमकुंड साहिब की यात्रा का भी जोर है. लेकिन जोशीमठ में 30 किलोमीटर के दायरे में जाम ही जाम यात्रियों को परेशान कर रहा है. यहां हर तरफ सिर्फ जाम की तस्वीर देखने को मिल रही है. 5 मिनट से 1 घंटे तक जगह-जगह जाम में यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है. हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से बड़ी संख्या में यात्री नजर आ रहे हैं.
चमोली में मुख्य बाजार से पहले, जोशीमठ में हेलंग से जोशीमठ तक 3 जगहों पर और जोशीमठ से मारवाड़ी तक जगह-जगह सड़क मार्ग संकरा होने के कारण यात्रियों को जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
3 घंटे की यात्रा 10 घंटे में
जनपद मुख्यालय उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम की दूरी 100 किलोमीटर है. उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम आसानी से 3 घंटे में पहुचा जाता है. लेकिन आज हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि बेहतर ट्रैफिक प्लान के अभाव में गंगोत्री धाम पंहुचने में 9 से 10 घंटे लग रहे हैं. यात्रियों को जंगलों में डरावने पहाड़ों के नीचे गाड़ी के अंदर बैठकर ही जाम खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है.
केदारधाम यात्रा में घंटों तक जाम
23 और 24 मई को केदारनाथ यात्रा बारिश और बर्फबारी की वजह से बाधित रही थी. लेकिन 25 मई से ये यात्रा फिर से शुरू हो गई. इसके बाद एक बार फिर से यहां सैलानियों की काफिला पहुंचना शुरू हो गया. गौरीकुंड में केदारनाथ जाने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. यहां पर घंटों तक जाम की स्थिति भी बनी रही. बमुश्किल इस भीड़ पर काबू पाया गया और यात्रियों को केदारनाथ भेजा गया. अब तक भगवान केदारनाथ के दरबार पर 3 लाख 70 हजार तीर्थयात्री बाबा के दर्शन कर चुके हैं.
पास दिखाना नहीं होगा अनिवार्य
उत्तराखंड में हो रही चार धाम यात्रा के लिए पर्यटन सचिव द्वारा यात्रियों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. रजिस्ट्रेशन को लेकर जानकारी सामने आई है कि कई गैर कानूनी रजिस्ट्रेशन चारधाम यात्रा में मिल रहे हैं जिसको लेकर अब पास की अनिवार्यता को खत्म किया गया है. अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से यात्रियों और वाहनों की चेकिंग की जा रही है. यात्री उत्तराखंड पर्यटन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. यात्रा के दौरान अब पास ले जाना अनिवार्य नहीं होगा, चेकिंग के दौरान बुकिंग पास पर अंकित क्यूआर कोड को दिखाकर यात्रा जारी रख सकते हैं. साथ ही अगर यात्री निजी वाहनों से चार धाम के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना भी अनिवार्य होगा ताकि यात्रा के दौरान चल रहे वाहनों को भी ट्रैक किया जा सके.
हाल में ही यात्रा के दौरान कुछ गैरकानूनी रजिस्ट्रेशन भी सामने आए हैं इसलिए पर्यटन सचिव ने यात्रियों से अपील की है कि अपना रजिस्ट्रेशन केवल पर्यटन विभाग के पोर्टल पर ही करें.
पांडव सेरा में ट्रैकिंग दल लापता
उत्तराखंड में कुछ लोग धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं तो कुछ लोग एडवेंचर पर निकल रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद के हिमालयी क्षेत्र पांडव सेरा में गए एक सात सदस्यीय ट्रैकिंग दल का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. इस दल की खोज के लिए कल शाम ही रेस्क्यू टीम रवाना हो गयी है. बताया जा रहा है दल के पास खाने का सामान भी समाप्त हो गया है.
बता दें कि कुछ दिन पूर्व एक सात सदस्यीय ट्रैकिंग दल पांडव सेरा गया था. पांडव सेरा हिमालयी क्षेत्र में आता है. दल ने किसी तरह सूचना पहुचाई थी कि वो फंस गए हैं और उनके पास खाने का सामान भी नहीं है. सूचना मिलने के बाद शनिवार सायं 5 बजे देहरादून से रेस्क्यू टीम रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्य मुनि पहुंचीं. जहां से रेस्क्यू दल आगे रवाना हुआ. अभी ट्रैकिंग दल का कुछ पता नहीं चल पाया है.