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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लंबी कशमकश के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से आज इस्तीफा दे दिया. पिछले तीन दिनों से जारी नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बाद उन्होंने सीएम पद से त्यागपत्र दे दिया. इस्तीफा देने के बाद वह देहरादून में अपने समर्थकों के साथ जमीन पर बैठकर मंथन करते नजर आए.
असल में, मंगलवार शाम में सवा चार बजे वह राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने और उनके पदभार ग्रहण करने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने को कहा.
इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने आवास पर लौटे और प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आगे की रणनीति पर वह अपने समर्थकों के साथ मंथन करते नजर आए.
इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बुधवार सुबह 10 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक है, जहां नए नेता का चुनाव किया जाएगा. इस बैठक में राज्य के सभी लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सांसद मौजूद रहेंगे.
बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पद से इस्तीफा देने के साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. हालांकि, उत्तराखंड के 20 वर्ष के इतिहास में पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने से पहले कुर्सी गंवाने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्थान 8वां है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च, 2017 को मुख्यमंत्री का पद संभाला था और केवल नौ दिन बाद वह अपनी सरकार के चार साल पूरे करने वाले थे, लेकिन बढ़ते विरोध के बीच मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उत्तराखंड में पहली निर्वाचित सरकार के प्रमुख के रूप में 2002 में जिम्मेदारी संभालने वाले कांग्रेस के सीनियर नेता नारायण दत्त तिवारी ही वह एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया.