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40 मजदूरों की 90 घंटे से अटकी सांसें, 200 लोगों की टीम रेस्क्यू में जुटी, क्या 5वें दिन बनेगा सुरंग का रास्ता?

मजदूरों के रेस्क्यू के लिए थाईलैंड और नॉर्वे की एक्सपर्ट टीमों की मदद भी ली जा रही है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर पार स्टील पाइप करके अंदर से ही एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके.

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40 मजदूरों को बचाने के लिए 200 लोगों की टीम पसीना बहा रही है
40 मजदूरों को बचाने के लिए 200 लोगों की टीम पसीना बहा रही है

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 90 घंटे से सात राज्यों के 40 मजदूर सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं. जिन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन चार दिन बाद भी मजदूर नहीं निकाले जा सके हैं. 40 मजदूरों को बचाने के लिए करीब 200 लोगों की टीम पसीना बहा रही है. मजदूर सुरंग के एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं.

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जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से ज्यादा मलबा है. रेस्क्यू टीम के लिए मुश्किल इस बात की है कि टनल का ये हिस्सा बेहद कमजोर है. जैसे ही मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकालने की कोशिश होती है, मलबा फिर से टनल में गिर जाता है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 मिलीमीटर चौड़े स्टील पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर-पार स्टील पाइप डालकर अंदर से एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके.

पाइप से ऑक्सीजन, पानी और खाना भेजा जा रहा

फिलहाल मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन, पानी, खाना, दवाई भेजी जा रही है. टनल के अंदर नेटवर्क नहीं हैं. इसलिए मोबाइल या वॉकी टॉकी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है. मजदूरों से संपर्क के लिए पाइप का ही सहारा लिया जा रहा है. अब सवाल है कि क्या कल पांचवें दिन ये मजदूर सुरंग से निकाले जा सकेंगे? 

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टनल के प्रवेश द्वार से 200 मीटर दूर फंसे हैं मजदूर

उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह चारधाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही टनल में एक हिस्सा धंस गया था. यानी 4 दिन से इस मलबे में 40 मजदूर हर पल मौत से जूझ रहे हैं. अच्छी बात ये है कि अभी सभी 40 मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं. टनल के प्रवेश द्वार से करीब 200 मीटर अंदर 40 मजदूर जहां फंसे हैं. उसके ठीक आगे 50 मीटर तक मलबा फैला है. रेस्क्यू टीम के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि टनल का वो हिस्सा काफी कमजोर है.

एयरफोर्स के तीन विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचे

जैसे ही रेस्क्यू टीम मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकाल रही है. सुरंग में मजदूरों के ऊपर ही मलबा गिरने लगता है. आज एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचे. इन्हीं मशीनों से मलबे को भेदकर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाए जाएंगे.

800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे

मजदूरों के रेस्क्यू के लिए थाईलैंड और नॉर्वे की एक्सपर्ट टीमों की मदद भी ली जा रही है. अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 मिलीमीटर व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं. कोशिश है कि मलबे के आर पार स्टील पाइप करके अंदर से ही एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके. मजदूरों से पाइप के जरिए ही बातचीत की जा रही है. इतना ही नहीं मजदूरों को भरोसा दिया जा रहा है कि वो हर हाल में सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाएंगे.

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यूपी के 3 जिलों के 8 मजदूर फंसे

वहीं, यूपी सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग से एक नोडल अधिकारी लखनऊ भेजा है. सुरंग में यूपी के 3 जिलों के 8 मजदूर फंसे हैं. नोडल अधिकारी बचाव दल के साथ समन्वय करें और बचाव के बाद श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की योजना बनाएंगे. इसके साथ ही नोडल अधिकारी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के बीच संवाद स्थापित करेंगे.ॉ

IAF के हर्कुलस विमान से पहुंचाई ऑगर मशीन

दिल्ली से हर्कुलस विमान से मंगाई गई ऑगर मशीन की तीसरी खेप टनल की ओर निकल गई है. चिन्यालीसौड़ से टनल की दूरी लगभग 35 किमी है.मशीन के भारी होने की वजह ट्रक धीमी गति से चल रहा है. 3 ट्रकों में टनल तक अत्याधुनिक अमेरिकन ऑगर ड्रिलिंग मशीन और उसके पार्ट्स पहुंचाए जाने हैं. मशीन के पार्ट्स के साथ 2 ट्रक पहले ही टनल तक पहुंच चुके हैं. सबसे महत्वपूर्ण और मशीन की बॉडी तीसरे ट्रक में रवाना हो गई है. टनल के अंदर मशीन के लिए नया प्लेटफार्म तैयार किया गया है. मशीन को प्लेटफार्म पर इंस्टॉल करने में कुछ घंटों का समय लगेगा. अगर 24 टन की यह मशीन अपनी क्षमता से सही काम करेगी, तो 5 मीटर प्रति घंटे की स्पीड से टनल काट सकेगी.

(इनपुट- अंकित शर्मा)
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