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उत्तराखंड से दिल्ली आ रहे किसानों की पुलिस से झड़प, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से तोड़े बेरिकेट्स

उधम सिंह नगर में पुलिस को उस वक्त किसान आंदोलन भारी पड़ा जिस वक्त दिल्ली जाने वाले किसानों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने बाजपुर के यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर को पूरी तरह सील करने की कोशिश की. लेकिन किसानों के हुजूम ने सभी बेरिकेटिंग तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर लिया.

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दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान (पीटीआई)
दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रॉलियों से बेरिकेट्स तोड़ दिल्ली के लिए रवाना हुए किसान
  • बाजपुर के यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर को सील करने की थी कोशिश
  • दिल्ली में आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने निकले किसान

दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में अन्य क्षेत्रों के किसान शामिल होते जा रहे हैं. कई शहरों से आंदोलनरत किसानों के समर्थन में दिल्ली आने की कोशिश में जुटे हैं. इस बीच उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में दिल्ली आ रहे किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव हो गया.

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उधम सिंह नगर में दिल्ली आ रहे किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान ट्रॉलियों से बेरिकेट्स तोड़कर किसान राजधानी के लिए रवाना हो गए. उधम सिंह नगर में किसानों की पुलिस के साथ यह झड़प शुक्रवार शाम को हुई.

उधम सिंह नगर में पुलिस को उस वक्त किसान आंदोलन भारी पड़ा जिस वक्त दिल्ली जाने वाले किसानों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने बाजपुर के यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर को पूरी तरह सील करने की कोशिश की. लेकिन किसानों के हुजूम ने सभी बेरिकेटिंग तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर लिया. किसानों के हंगामे ने बेरिकेटिंग के लिए लगाई गई ट्रॉली और सीमेंट के बने डिवाइडर रैली में शामिल ट्रैक्टरों से हटा दिया और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते हुए दिल्ली को रवाना हो गए.

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में चल रहे आंदोलन को बल देने के लिए हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के नेतृत्व में दोराहा रोड स्थित एक मैरिज पैलेस में एकत्र हुए. जिसके बाद किसान विशाल जुलूस निकालते हुए दोराहा बॉर्डर पर पहुंचे जहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था.

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पुलिसकर्मी हुए चोटिल

किसानों ने पुलिस से दिल्ली जाने देने का निवेदन किया लेकिन पुलिस ने किसानों की एक न सुनी, जिसके बाद आक्रोशित किसानों ने ट्रैक्टर से पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़कर नष्ट कर दिया. फिर किसान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते हुए दिल्ली रवाना हुए. किसानों के आक्रोश के सामने पुलिस असहाय नजर आई. 

हालांकि किसानों द्वारा की गई तोड़फोड़ के दौरान कई पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आई हैं. किसानों का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन करना चाहता है जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों को अनुमति दी है लेकिन पुलिस प्रशासन कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए किसानों को जबरन दिल्ली ना जाने देने की बात कर रहा है.

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि किसान हर हालत में दिल्ली पहुंच कर रहेंगे चाहे किसानों को पुलिस की लाठियों का भी सामना क्यों ना करना पड़े.

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वहीं इस झड़प पर उधम सिंह नगर के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करवाई है जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

हरियाणा बॉर्डर पर जाम

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सिर्फ उधम सिंह नगर ही नहीं बल्कि बल्कि किसानों ने दिल्ली जयपुर हाईवे को पूरी तरह से जाम कर दिया है. एनएच- 48 पर जाम होने की वजह से दिल्ली का जयपुर से संपर्क कट गया है. किसानों ने अलवर जिले के शाहजहांपुर के समीप हरियाणा बॉर्डर पर जाम लगा दिया है.

दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को हरियाणा पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया. जिसके बाद किसानों ने दिल्ली से जयपुर आने वाली लेन को भी जाम कर दिया. जयपुर से दिल्ली को जाने वाली लेन 15 दिन से बंद है. 
 
मौके पर पुलिस प्रशासन किसानों से हाईवे को खुलवाने के लिए जूझ रहा है. जाम को देखते हुए भारी वाहनों को जयपुर के पावटा से बानसूर होकर रूट डायवर्ट किया गया है जबकि हल्के चौपहिया वाहनों को बहरोड़ से खेरथल होकर डायवर्ट किया जा रहा है. किसानों के जाम के बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है.  हजारों की संख्या में किसान हाईवे पर एकत्र है. (इनपुट-राजिंदर शर्मा)

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