उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. राहत कर्मियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती तपोवन डैम के पास सुरंग को खोलने की है. टनल का रास्ता अंदर बंद है. उसमें मलबा भरा हुआ है. आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ का दस्ता जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगा हुआ है.
अब तक की जानकारी के मुताबिक 14 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि अब तक 25 लोग रेस्क्यू किये जा चुके हैं, जिनमें 12 तपोवन से और 13 रैणी से रेस्क्यू हुए हैं. इस बीच चमोली में देवप्रयाग के पास राहत और बचाव के काम में जुटी NDRF की 3 टीमें लैंडस्लाइड की वजह से देर रात फंस गईं. पहले इन टीमों ने खुद को वहां से निकालने के लिए बड़ी मशीनें लगाकर रास्ता खोलने का काम किया.
एक टनल से रेस्क्यू, दूसरी टनल में फंसे लोग
एक टनल से ITBP ने 16 लोगों को निकाला है, जबकि दूसरी टनल में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र करीब 170 लोगों के लापता होने की बातें कह रहा है. आर्मी, ITBP और SDRF की संयुक्त टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. हादसे के बाद सबसे पहले आजतक की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंच चुकी है.
13 गांवों का संपर्क टूटा, राशन के पैकेट किए जाएंगे ड्रॉप
चमोली में ग्लेशियर टूटने की आपदा के बाद एक सुरंग ध्वस्त हो गई, जिसमें फंसे 16 मजदूरों को आईटीबीपी के जवानों ने सुरक्षित निकाल दिया. कई मीटर चौड़ी सुरंग से रस्सियों के जरिये इन मजदूरों को बाहर निकाला गया. वहीं, तपोवन में आई आपदा से जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है, वहां हेलिकॉप्टर के जरिए राशन के पैकेट ड्रॉप कराए जाएंगे.
तपोवन सुरंग के अंदर भरे मलबे को हटाने का काम जारी
उत्तराखंड के तपोवन में सुरंग के अंदर भरे मलबे को हटाने का काम सुबह से शुरू हो चुका है. जेसीबी मशीनें सुरंग के अंदर पहुंच कर रास्ता खोल रही हैं. इस काम में बेहद मुश्किल आ रही है क्योंकि सुरंग में मलबा काफी ऊंचाई तक भर चुका है. SDRF की बचाव टीम मौके पर मौजूद है. सुरंग के अंदर का रास्ता अब भी बंद है.