उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले पर धामी सरकार घिरी हुई है. विपक्ष लगातार हमलावर है. इस बीच शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने प्रेसवार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले की जांच दो फेज में होगी. विधानसभा की गरिमा बचाना मेरा धर्म है. लोकतंत्र के मंदिर में अध्यक्ष होने के नाते किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
खंडूरी ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है. जोकि एक महीने के भीतर जांच सौंपेगी. बताया कि सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने की फोर्स लीव पर भेजा गया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 2000 से 2011 और 2012 से 2022 तक नियमावली के बाद की सभी भर्तियों की जांच होगी. गठित एक्सपर्ट कमेटी में दिलीप कोटिया(अध्यक्ष), सुरेंद्र रावत, अवनेंद्र सिंह नयाल शामिल हैं.
अनियमितताओं की हाई लेवल पर जांच की जाए
बता दें कि विधानसभा में नियुक्तियों का आरोप पूर्व स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल पर लगा है. मामले की गंभीरता और विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूरी को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं की हाई लेवल पर जांच की जाए.
प्रेम चंद्र अग्रवाल पर हैं ये आरोप
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल पर नियुक्तियों में पक्षपात करने का आरोप लगा है. प्रेम चंद अग्रवाल 2017 से 2022 तक विधानसभा अध्यक्ष थे. 2017 से 2022 तक राज्य में बीजेपी की सरकार थी. आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए अग्रवाल ने बैकडोर से भर्तियां कीं. उन पर राजनेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों को विधानसभा में नियुक्त करने का आरोप लगा है.
अनियमितताओं का पता चलने पर रद्द होगी भर्ती
सीएम धामी ने चिट्ठी में विधानसभा में नियुक्तियों में हुईं अनियमितता के आरोपों की हाई लेवल जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि अनियमितताओं का पता चलने पर भर्तियों को रद्द कर दिया जाएगा.
UKSSSC पेपर लीक क्या है?
उत्तराखंड सबऑर्डिनेट स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (UKSSSC) के कथित पेपर लीक घोटाले में STF ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा 50 से ज्यादा अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया है. 4 और 5 दिसंबर को ग्रेजुएशन लेवल की परीक्षा हुई थी. आरोप है कि एग्जाम से पहले इसका पेपर लीक हो गया था और इसका इस्तेमाल कर अभ्यर्थी पेपर देने गए थे. इस परीक्षा में 1.60 लाख अभ्यर्थी बैठे थे, जिनमें से 916 का चयन हुआ था.