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किसानों का समर्थन: झंडे के साथ ट्रैक्टर पर बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा दूल्हा

बाजपुर के गांव केशवाला के रहने वाले तरसेम सिंह ने अपनी बेटी संदीप कौर का विवाह काशीपुर के टांडा दभौरा निवासी सिवलजीत सिंह से तय किया. बारात काशीपुर से बाजपुर पहुंची तो रास्ते में हर किसी का इसने ध्यान खींचा. दरअसल, दूल्हा सिवलजीत सिंह खुद ट्रैक्टर चलाते हुए अपनी बारात के आगे था.

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उत्तराखंड में अनोखी शादी (फोटो- आजतक)
उत्तराखंड में अनोखी शादी (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तराखंड में अनोखी शादी बनी चर्चा का विषय
  • किसानों के आंदोलन में पिछले कई दिनों से हिस्सा ले रहा था दूल्हा
  • दुल्हन ने कहा कि वो भी आंदोलन में पति के साथ लेगी हिस्सा

दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की मांगों के समर्थन में पिछले कुछ हफ्तों से जुटे रहे एक युवक ने उत्तराखंड में अपनी शादी को भी किसान आंदोलन से जोड़ कर यादगार बना दिया.  

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बाजपुर के गांव केशवाला के रहने वाले तरसेम सिंह ने अपनी बेटी संदीप कौर का विवाह काशीपुर के टांडा दभौरा निवासी सिवलजीत सिंह से तय किया. बारात काशीपुर से बाजपुर पहुंची तो रास्ते में हर किसी का इसने ध्यान खींचा. दरअसल, दूल्हा सिवलजीत सिंह खुद ट्रैक्टर चलाते हुए अपनी बारात के आगे था. पीछे और बाराती भी भारतीय किसान यूनियन का झंडा थामे हुए थे. दुल्हन संदीप कौर के घर पर विवाह की सारी रस्में पूरी होने के बाद बारात काशीपुर के लिए विदा हुई तो सिवलजीत ने फिर ट्रैक्टर का स्टीयरिंग थाम लिया. दुल्हन संदीप कौर उनके बगल में बैठी दिखीं.  

दूल्हे सिवलजीत ने बताया कि वह दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बीते कई दिनों से किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं. सिवलजीत के मुताबिक किसान लंबे अरसे से खुले आसमान के नीचे अपनी मांगों के समर्थन में बैठे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही. सिवलजीत ने बताया कि उन्होंने किसानों की दिक्कतों की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए ट्रैक्टर पर बारात लेकर जाने का फैसला किया. सिवलजीत ने कहा कि वे चाहते हैं सरकार जागे और तीन नए कृषि कानून वापस ले.  

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सिवलजीत के इस कदम को दुल्हन संदीप कौर का भी पूरा समर्थन रहा. संदीप कौर ने कहा कि वो किसान की बेटी है और किसानों के दर्द को महसूस करती हैं. संदीप कौर के मुताबिक वो भी किसान आंदोलन में अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहेंगी.  

बहरहाल, ये बारात पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही. हर कोई फूलों से सजे ट्रैक्टर, स्टीयरिंग थामे दूल्हे और बगल में बैठी सजी-धजी दुल्हन, किसानों के समर्थन में झंडे लेकर चलते बाराती और शगुन गीतों के साथ किसानों की कामयाबी के लिए गीत गाती महिलाओं को देखकर हैरान था.  

 (उधमसिंहनगर से रमेश चंद्रा के इनपुट्स के साथ)  

 

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