उत्तराखंड में बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल ने मंगलवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिया है. इस घटनाक्रम से राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है. विधायक का कहना है कि उनके क्षेत्र के डीएफओ को तत्काल हटाया जाए. उन्होंने वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरना भी दिया.
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने वन मंत्री उनियाल पर भी गंभीर आरोप लगाए. विधायक ने मंत्री पर जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. फिलहाल यह मामला अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में लाया गया है.
'डीएफओ के ट्रांसफर की मांग'
दुर्गेश्वर लाल यहां पुरोला से बीजेपी विधायक हैं. वे मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में तैनात डीएफओ के तत्काल ट्रांसफर की मांग को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. विधायक ने प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) पर निष्क्रिय रहने और उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है.
'विधायक मानने को तैयार नहीं'
विधायक का कहना है कि जिला योजना के तहत प्राप्त धन भी डीएफओ ने खर्च नहीं किया है. वहीं, मंत्री उनियाल ने कहा, विधायक की शिकायत के आधार पर मैंने गढ़वाल के मुख्य वन संरक्षक को आरोपों की जांच करने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, वो (MLA) कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं. डीएफओ के तत्काल ट्रांसफर पर जोर दे रहे हैं. उनियाल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया है.
'कुछ भी गलत नहीं'
हालांकि, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को विधायक के अपनी ही पार्टी की सरकार के मंत्री के खिलाफ सार्वजनिक रूप से विरोध करने में कुछ भी असामान्य नहीं लगा. विधायक के धरने के बारे में पूछे जाने पर भट्ट ने कहा, विधायकों द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास संबंधी मामलों को संबंधित मंत्रियों के साथ उठाना सामान्य बात है. इससे समाधान निकलता है.