देहरादून में आयोजित इंडिया टुडे 'स्टेट ऑफ द स्टेट:उत्तराखंड फर्स्ट' में शिरकत करते हुए उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखविंदर सिंह संधू ने कहा कि मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से अक्सर ज्यादा नुकसान होता है, ये दो सिस्टम 2013 में उत्तराखंड में मिले थे तो केदारनाथ में आपदा आई थी और इस बार हिमाचल में भारी नुकसान हुआ है.
मुख्य सचिव संधू ने कहा, 'हम भी इस समस्या (दो सिस्टम) का सामना कर रहे हैं लेकिन 2013 और हिमाचल की तुलना में यहां नुकसान कम हुआ है. हमने जो भी सड़कें बंद हुई थी उसे ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे में रिस्टोर कर दिया.'
बैलेंस अप्रोच के साथ विकास
डॉ. संधू ने कहा, 'विकास जरूरी है लेकिन इकोलॉजी भी उतनी ही जरूरी है. जब भी हम कोई विकास संबंधी प्रोजक्ट करते हैं तो दोनों का उतना ही ध्यान रखते हैं. उत्तराखंड की भगौलिक और हिमालयी परिस्थिति को देखते हुए हम हर चीज का ध्यान रखना होता है.लोग पहाड़ों पर रहते हैं तो उन्हें बेसिक जरूरतों चाहिए होती हैं. हम बैलेंस अप्रोच लेकर काम कर रहे हैं...मैंने कई बार हवाई दौरे पर देखा है कि कई एरिया ऐसे थे जहां कोई विकास कार्य नहीं हुए हैं, जहां कोई सड़क नहीं थी वहां भी लैंडस्लाइड हुई है. एक एक प्राकृतिक चीज है.ग्रेविटी प्रकृति द्वारा निर्मित है. लेकिन हमें भी सावधान रहना होगा. जब भी हम कोई प्रोजक्ट शुरू करते हैं तो सेफगार्ड रखने होंगे तांकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके.'
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मुख्य सचिव ने कहा, 'विशेषज्ञ कमेटी की एक रिपोर्ट आई जिसमें कहा गया था कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 24 परियोजनाएं नहीं चलनी चाहिए और इस पर हम रिपोर्ट पर राजी भी हो गए कि वहां हाईड्रो प्रोजक्ट नहीं चलने चाहिए. हमारे पास 72 फीसदी भूमि वन विभाग की है, हमारे सामने कई चुनौतियां भी है. इंडस्ट्री को बिजली देने को लेकर हमारे पास एक प्लान है कि हम उत्तराखंड में क्या कर सकते हैं... हमारे पास शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म प्लान हैं... हम अन्य राज्यों से भी बिजली खरीद सकते हैं.'
उत्तराखंड की स्ट्रेंथ है पर्यटन
उत्तराखंड में होने वाले निवेशक सम्मेलन को लेकर संधू ने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी ताकत है पर्यटन. आज हमारे यहां देश का सबसे अधिक रूम रेंट है और जो दूसरे नंबर (उदयपुर) पर है यह उससे 40 फीसदी ज्यादा है. मेरे पास हर रोज एक सिफारिश आती है उत्तराखंड में अच्छे रूम के लिए.देश औऱ विदेश की लगभग हर होटल चेन राज्य में अपने प्रस्ताव लेकर आ रही है... हमारे पास जॉलीग्रांट एयरपोर्ट हैं, उसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की कोशिशों में हैं.पंतनगर एयरपोर्ट कुमाऊं में है और आने वाले 3 वर्षों में इसे और बड़ा किया जाएगा.इन एयरपोर्ट को हैलीपैड से जोड़ा जाएगा तांकि टूरिस्ट हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड की यात्रा कर सके.'
पलायन पर दिया ये जवाब
पलायन को लेकर पूछे गए सवाल पर संधू ने कहा, 'पहाड़ों में अवसर पैदा करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना होगा, फिर आप कहेंगे कि हमें वहां रोड़ नहीं बनानी चाहिए क्योंकि इससे पहाड़ को नुकसान होगा. हमें एक बैलेंस लेकर चलना होगा. अभी केंद्र सरकार ने बाइब्रेंट विलेजेज नाम की स्कीम लॉन्च की है. हमारे यहां भी 50 फीसदी से ज्यादा ऐसे गांव हैं, जिसे इसके तहत विकसित किया जाएगा. हम यहां पहाड़ी इलाकों में कई तरह के अवसर पैदा कर सकते हैं जैसे टूरिज्म, फूड प्रोसिसिंग, जिसके लिए मिलने वाली सब्सिडी भी अब बढ़ा दी गई है. लोग इसमें काफी रूचि ले रहे हैं. फिर सर्विस सेक्टर है, जैसे आईटी सेक्टर आदि हैं, हम इस पर काम कर रहे हैं.'
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डॉ. संधू ने कहा, 'हमने अब पर्यटन को लेकर भी कई नियम तय किए हैं. अब चार धाम यात्रा का पंजीकरण होता है और जिन्होंने पंजीकरण किया होता है उन्हें एसएमएस के माध्यम से संदेश मिल जाता है कि अगर आज यात्री ज्यादा हैं तो आप इस दिन यात्रा पोस्टपोंड कर दें. इसके अलावा मानसून से संबंधी सूचनाएं भी मिल जाती हैं.सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठा रही है जिससे इस पर्यटन वाले राज्य में ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट आ सकें.'