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उत्तराखंड: पौड़ी को सीता माता टूरिस्ट सर्किट की सौगात, CM रावत ने किया ऐलान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवप्रयाग स्थित प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर, देवल स्थित लक्ष्मण मंदिर और फलसावारी स्थित सीता माता मंदिर को टूरिस्ट सर्किट में विकसित किया जाएगा. एक अभियान के जरिए भारत और विदेशों में इसका प्रचार किया जाएगा.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फोटो-aajtak)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फोटो-aajtak)

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी में सीता माता टूरिस्ट सर्किट बनाने का ऐलान किया है. सीएम रावत ने 200 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचा देने और एक अलग एडवेंचर स्पोर्ट्स निदेशालय स्थापित करने की घोषणा की है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवप्रयाग स्थित प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर, देवल स्थित लक्ष्मण मंदिर और फलसावारी स्थित सीता माता मंदिर को टूरिस्ट सर्किट में विकसित किया जाएगा. एक अभियान के जरिए भारत और विदेशों में इसका प्रचार किया जाएगा.

युवाओं को दी जाएगी खास ट्रेनिंग

उन्होंने कहा कि खिरसू, पौड़ी, सतपुली और जयहरीखाल जैसे शहरों में 200 करोड़ रुपये की बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. इस इलाके में एडवेंचर स्पोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक अलग निदेशालय स्थापित करेगी, जिसमें स्थानीय युवाओं को रॉक क्लाइम्बिंग, पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग और बंजी जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी के विकास के लिए कई फैसले किए गए हैं,  देवाल में NCC एकेडमी में हर साल में 35-40 हजार युवा ट्रेनिंग ले सकेंगे. 70 लाख लीटर जल क्षमता वाली ल्वाली झील से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. वाटर स्पोर्ट्स के साथ पीने के पानी की बैकअप व्यवस्था भी हो सकेगी.

पिथौरागढ़ में बनेगा ट्यूलिप गार्डन

सीएम रावत ने कहा कि पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनेगा. यहां 50 हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा. लोग साल के 8 महीने ट्यूलिप देखने आ सकेंगे. पिथौरागढ़ में हवाई पट्टी का विस्तार करने की कोशिश की जा रही है.

पौड़ी में पहली बार हुई मंत्रिमंडल की बैठक

शनिवार को उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने इस जिले से पलायन रोकने को लेकर कई घोषणाएं की थीं. उत्तराखंड में पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक पौड़ी में हुई थी, जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर चिंता जताई गई कि पिछले कुछ दशकों में जिले से लोगों ने पलायन किया है.

गौरतलब है कि 2000 में राज्य के गठन के साथ ही पौड़ी में स्थित दर्जनों सरकारी कार्यालयों को या तो बंद कर दिया गया या फिर देहरादून शिफ्ट कर दिया गया है. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक का मुख्य एजेंडा पहाड़ों में कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा करना, सिंचाई और पेयजल संसाधनों का विकास करना था. मुख्यमंत्री ने बैठक में युवाओं को रोजगार देने की नीति के मसौदे पर भी चर्चा की.

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